1st Bihar Published by: Updated Sat, 13 Jun 2020 09:22:45 PM IST
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DARBHANGA: न सिर्फ मिथिलांचल बल्कि उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा के पारस ग्लोबल हॉस्पिटल का ट्रॉमा सेंटर मरीजों का बेहतरीन ढ़ंग से इलाज कर रहा है। ट्रामा सेंटर में अगर गंभीर रुप से घायल मरीज को एक घंटे के भीतर हॉस्पिटल पहुंचा दिया जाए तो बिल्कुल भगवान के रुप में खड़ा हो हॉस्पिटल कर्मी उसकी जान बचा लेते हैं।
पारस ग्लोबल हॉस्पिटल में जेनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, स्पाइन सर्जरी के साथ जले हुए मरीज तथा सड़क दुर्घटना में घायलों के इलाज के लिए सभी अत्याधुनिक मशीनें, उपकरण और सुविधाएं मौजूद हैं। हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग में मरीजों के इलाज के लिए आधुनिक सुविधा के साथ सबसे अच्छे डॉक्टरों की इंजुरी टीम काम कर रही है। ट्रॉमा सेंटर में ज्यादातर सड़क दुर्घटना में घायल मरीज, जले मरीज और ब्रेन हेमरेज के मरीज आते हैं। ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों का मानना है कि सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल को एक घंटे के भीतर यदि यहां पहुंचा दिया जाए तो उसके बचने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
यहां के ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी विभाग अत्याधुनिक उपकराणों से लैस आई.सी.यू., सी.सी.यू., एस.आई.सी.यू. की सुविधा उपलब्ध है। ये सुविधाएं 24*7 काम करते हैं। यहां विषेशज्ञ डाक्टरों की देखरेख में मरीज की चिकित्सा एवं निगरानी चल रही होती है। वेंटिलेटर, सपोर्ट उपकरण और (यू.एस.जी./सीटी स्कैन/एक्स-रे/ए.बी.जी.) की सुविधा पारस दरभंगा में उपलब्ध है।
विषेशज्ञ डॉक्टरों में सर्जरी ट्रॉमा हेड, इमरजेंसी हेड, न्यूरो सर्जन, हड्डी सर्जन, एनेस्थेसिया और आई.सी.यू. विषेशज्ञ सहित अन्य डॉक्टर एवं प्रशिक्षित ई.एम.टी. और नर्स भी मौजूद रहती है। ट्रॉमा के मरीजों को लाने के लिए सभी जीवन रक्षक उपकरणों से लैस एम्बुलेंस भी उपलब्ध है।