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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 24 Nov 2023 06:38:17 PM IST
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PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्र की हिस्सेदारी घटने वाले बयान को चुनौती देते हुए कहा है कि कांग्रेस-लालू प्रसाद वाली यूपीए सरकार के 10 साल की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को 10 लाख करोड़ ज्यादा की मदद की है।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार अनर्गल आरोप लगाना बंद कर वित्तीय अनुशासन लाने और भ्रष्टाचार रोकने पर ध्यान दें। लालू प्रसाद के साथ जाते ही उन्हें केंद्र का भेदभाव नजर आने लगता है। केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 4.5 गुना अधिक राशि और सहायता अनुदान के तौर पर 5.5 गुना अधिक धन राशि मिली। क्या अधिक सहायता देना हकमारी और भेदभाव कहलाता है?
उन्होंने कहा कि अधिक अनुदान और सहायता के अलावा प्रधानमंत्री ने बिहार को 1.5 लाख करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज भी दिया। केंद्र में कांग्रेस-लालू की यूपीए सरकार के दौरान (2004-2014) केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 1,06759 करोड़ रुपये मिले, जबकि इसी मद में एनडीए सरकार के दौरान (2014-2024) 4,57311 करोड़ रुपये मिले। केंद्र में कांग्रेस-राजद सरकार के 10 साल में बिहार को सहायता अनुदान के रूप में 5,4749 करोड़ रुपये मिले, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान 270965 करोड़ रुपये मिले। सहायता अनुदान में 5.5 गुना वृद्धि करना क्या हकमारी है?
बीजेपी सांसद ने कहा कि यूपीए सरकार के समय बिहार को कुल 1 लाख 61 हजार करोड़ की मदद मिली, जबकि एनडीए सरकार में सात गुना बढ कर यही केंद्रीय सहायता 7 लाख 28 हजार करोड़ हो गई। 22 करोड़ की आबादी वाले बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक केंद्रीय सहायता बिहार को मिलना क्या केंद्र सरकार का भेदभाव है?
उन्होंने कहा कि सहायता देने में केंद्र सरकार कोई भेदभाव नहीं कर रही, उल्टे सहायता पाने वाले विपक्ष-शासित प्रदेश ही चुनाव को देख कर अनर्गल आरोप लगाते हैं। जब जनता भाजपा को सरकार चलाने का मौका देगी, तब हम बिना विशेष दर्जा के ही बिहार को विकसित राज्य बना कर एक मॉडल प्रस्तुत करेंगे।