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मीडिया में नीतीश को कोस कर उनके ही घर पहुंच गये प्रशांत किशोर: जन सुराज अभियान फेल होने के डर से घबराये PK?

1st Bihar Published by: Updated Wed, 14 Sep 2022 12:28:49 PM IST

मीडिया में नीतीश को कोस कर उनके ही घर पहुंच गये प्रशांत किशोर: जन सुराज अभियान फेल होने के डर से घबराये PK?

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PATNA: सिर्फ एक सप्ताह पहले की बात है. नीतीश कुमार ने खुलेआम मीडिया में कहा था-प्रशांत किशोर को बिहार का ABC मालूम है? वो तो धंधा करता है. उसे बीजेपी में जाने का मन है, वह बीजेपी की मदद कर रहा है. जवाब में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को जमकर कोसा था. लेकिन दो-चार दिनों में ही सारा खेल पलट गया है. खबर ये आ रही है कि प्रशांत किशोर मंगलवार की रात डिनर करने नीतीश कुमार के आवास पर पहुंच गये. दो घंटे तक प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के आवास पर बैठे रहे. चर्चा ये है कि अपने जन-सुराज अभियान के फेल होने से घबराये प्रशांत किशोर फिर से नीतीश का दामन थाम सकते हैं.



सीएम हाउस के सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर मंगलवार की रात सीएम आवास पर पहुंचे. उनके साथ पूर्व सांसद पवन वर्मा भी थे. दरअसल प्रशांत किशोर के करीबी माने जाने वाले पवन वर्मा से नीतीश ने सोमवार को मुलाकात की थी. नीतीश ने उन्हें टास्क सौंपा था कि वे प्रशांत किशोर उनके मिशन पीएम के लिए काम करने को राजी करें. इसके बाद मंगलवार को पवन वर्मा ने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी. पवन वर्मा ने प्रशांत किशोर की टेलीफोन पर नीतीश कुमार से बात भी करायी थी. नीतीश ने पीके अपने घऱ डिनर पर बुलाया औऱ फिर प्रशांत किशोर नीतीश के घर पहुंचे. 



क्या चाहते हैं नीतीश

प्रशांत किशोर के एक करीबी ने बताया कि नीतीश कुमार ने पीके को अपने साथ काम करने का ऑफर दिया है. नीतीश चाहते हैं कि प्रशांत किशोर पीएम बनने के उनके सपने को पूरा करने के लिए रणनीति तैयार करें. दोनों के बीच इस मसले पर लंबी बातचीत हुई है. 



वैसे, नीतीश और प्रशांत किशोर की जुगलबंदी का संकेत पूर्व सांसद पवन वर्मा ने मंगलवार की सुबह ही दे दिया था. पवन वर्मा ने प्रशांत किशोर का नाम लिये बगैर कहा था-मेरे समेत कई औऱ लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़ कर इसलिए चले गये थे क्योंकि नीतीश बीजेपी का सपोर्ट कर रहे थे. अब जब नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ हैं तो सब लोग वापस आय़ेंगे ही. 


बता दें कि पवन वर्मा औऱ प्रशांत किशोर की 2020 में जेडीयू से एक साथ छुट्टी कर दी गयी थी. दोनों एक ही लाइन पर बयानबाजी कर रहे थे. प्रशांत किशोर औऱ उऩके करीबी माने जाने वाले पवन वर्मा नीतीश कुमार द्वारा CAA के मसले पर बीजेपी को समर्थन दिये जाने का खुल कर विरोध कर रहे थे. दोनों को जेडीयू से निकाला गया. प्रशांत किशोर ने उसके बाद ममता बनर्जी के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम किया था औऱ पवन वर्मा ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी में शामिल हो गये थे. पिछले महीने पवन वर्मा ने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था. उससे पहले प्रशांत किशोर  ममता बनर्जी से अलग हो चुके थे.


क्या जन सुराज अभियान की नाकामी से घबराये प्रशांत किशोर

सवाल ये उठ रहा है कि प्रशांत किशोर दो दिनों पहले तक जिस नीतीश कुमार को पानी पी-पी कर कोस रहे थे, उनके ही घर डिनर पर कैसे पहुंच गये. बता दें कि प्रशांत किशोर बिहार में जनसुराज अभियान चला रहे हैं. 2 अक्टूबर से उनकी पदयात्रा शुरू होने वाली है और उससे पहले वे बिहार के हर जिले में जाकर लोगों से मिल रहे हैं. इस दौरान वे लगातार नीतीश कुमार पर हमला करते रहे हैं. नीतीश ने जब बीजेपी से पल्ला झाड़ कर राजद का दामन थामा तो प्रशांत किशोर ने कहा कि लिखकर ले लीजिए कि नीतीश फिर से पलटी मारेंगे. प्रशांत किशोर ये भी कह चुके हैं कि नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के सामने 90 डिग्री झुककर प्रणाम करते रहे हैं. पीके का एक और बयान चर्चित हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि फेवीकॉल को नीतीश कुमार को अपना ब्रांड एम्बेसडर बना लेना चाहिये क्योंकि नीतीश कुमार को कुर्सी से चिपकने में महारथ हासिल है. इन तमाम बयानबाजी के बाद प्रशांत किशोर की नीतीश से मुलाकात कुछ और ही कहानी कह रही है.



सियासी जानकार बता रहे हैं कि प्रशांत किशोर को ये अंदाजा हो गया है कि बिहार में उनका कोई अभियान सफल नहीं होने वाला है. अभी वे जन-सुराज अभियान चला रहे हैं. इससे पहले उन्होंने बात बिहार की अभियान चलाया था. उससे लाखों युवाओं को जोडने का दावा किया गया था. लेकिन प्रशांत किशोर बात बिहार की अभियान को बीच में ही छोड़ कर भाग निकले. इसके लिए बकायदा ऑफिस खोले गये थे औऱ कुछ ही दिनों में उस पर ताला लटक गया था. सियासी जानकारों के मुताबिक कमोबेश वही हालत जनसुराज अभियान की भी होने वाली है. तभी प्रशांत किशोर नीतीश के दरवाजे पर पहुंचे हैं. प्रशांत किशोर एक बार फिर पलटी मार लें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिये. 



वैसे मंगलवार की रात नीतीश औऱ प्रशांत किशोर के बीच मुलाकात पर दोनों मे से कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. दोनों ओर से मुलाकात की औपचारिक पुष्टि भी नहीं की गयी है.