मुख्यमंत्री बनना सपना नहीं, प्रशांत किशोर बोले- बिहार को विकसित राज्य बनते देखना उद्देश्य

मुख्यमंत्री बनना सपना नहीं, प्रशांत किशोर बोले- बिहार को विकसित राज्य बनते देखना उद्देश्य

BETTIAH: जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आज पदयात्रा के 43वें दिन बेतिया के एमजेके कॉलेज में आयोजित जिला अधिवेशन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश और बीजेपी पर एक साथ हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे बिहार सिर्फ लड़ाई लड़ने के लिए नहीं आए हैं बल्कि लड़कर जीतने के लिए आए हैं। प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनका सपना बिहार का मुख्यमंत्री बनना नहीं है बल्कि उनका सपना है कि वे वअपने जीवनकाल में बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा होता देखें। उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि बिहार के लोगों को दूसरे राज्यों में जाकर काम करना नहीं पड़े बल्कि मुंबई और गुजरात से लोग काम करने के लिए बिहार आएं। अबतक की यात्रा का अनुभव साझा करते हुए पीके ने कहा कि बेतिया के अधिवेशन में तो लोगों की अच्छी संख्या है लेकिन अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने 10-20 लोगों को भी संबोधित किया है।


दरअसल, जन सुराज पदयात्रा के 43वें दिन रविवार को बेतिया के एमजेके कॉलेज में जिला अधिवेशन का आयोजन किया गया। अधिवेशन में पश्चिम चंपारण जिले के 18 प्रखंडों के हजारों लोग शामिल हुए। आज के अधिवेशन में जन सुराज के पार्टी बनने पर आम सभा के दौरान मतदान हुआ और सभी के सामने मतों की गिनती भी हुई। मतदान का नतीजा लगभग एकतरफा रहा। मतदान में कुल 2887 लोगों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 2808 लोगों ने जन सुराज अभियान को एक राजनीतिक दल बनने के पक्ष में वोट किया। सिर्फ 89 लोगों ने राजनीतिक दल बनने के विपक्ष में वोट किया। अधिवेशन की शुरुआत वोटिंग से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच और विजन के बारे में अपनी बातों को रखा।


अधिवेशन को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका सपना बिहार का मुख्यमंत्री बनना नहीं बल्कि बिहार को विकसित राज्य बनते देखना है। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि आपने बहुत कठिन काम ले लिया है, यह कैसे संभव होगा। बिहार में इतनी जाति, बाहुबल, पैसा है, पहले से समीकरण है। उन्होंने कहा कि जो लोग जन सुराज पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि हम केवल यहां लड़ने नहीं आए हैं बल्कि लड़कर जीतने के लिए आए हैं। अभी केवल 40 दिन हुए हैं और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि महागठबंधन का वोट कटेगा या भाजपा का वोट कटेगा। जनता अगर एक बार जाग गई तो दोनों को काटकर अलग कर देगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में मोदीयाबीन का बहुत गहरा असर है। उन्होंने जनता से अपील की है कि लोगो को मोदीयाबीन वाली राजनीति से बाहर निकलना होगा।


उन्होंने कहा कि लोगों को यह भी याद रखना है कि अपराध वाला जंगलराज भी फिर से नहीं आने नहीं देना है और जो अफसरशाही का नया जंगलराज नीतीश कुमार ने बनाया है, इसका भी समापन करना है। तीनों को खत्म करना है। बिहार में अब जनता की सरकार बननी है, प्रशांत किशोर की नहीं। प्रशांत किशोर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम बिहार में इतनी नौकरियां पैदा कर देंगे कि आरक्षित और अनारक्षित वर्गों से आने वाले सभी युवाओं को मौका मिलें। वर्तमान स्थिति यह है कि नौकरी उपलब्ध नहीं और जो सीमित नौकरियां हैं उसके लिये आपसी संघर्ष बहुत है। इसी बात का फायदा लेते हुए नेता आपको ठगते हुए हर बार कह देते हैं कि हमें वोट दे दीजिए हम आपको नौकरी दिलवा देंगे और फिर लोग बंधुआ मजदूर बन जाते हैं। इसलिए जब रोजगार का बड़ा केक बनेगा तो उसमें सभी वर्गों का हिस्से भी बड़ा होगा।