लॉकडाउन में एक और नियोजित शिक्षक ने तोड़ा दम, नहीं थम रहा हड़ताली शिक्षकों के मौत का सिलसिला

1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Apr 2020 04:30:01 PM IST

लॉकडाउन में एक और नियोजित शिक्षक ने तोड़ा दम, नहीं थम रहा हड़ताली शिक्षकों के मौत का सिलसिला

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MUZAFFARPUR : एक तरफ कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण आतंक मचा है. वहीं, दूसरी ओर बिहार सरकार के सामने नियोजित शिक्षकों की मांगों को पूरा करना चुनौती है. लॉक डाउन लागू होने से पहले से ही बिहार के नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. सरकार की ओर से बार-बार उन्हें ड्यूटी ज्वाइन करने की अपील की जा रही है. लेकिन दूसरी ओर शिक्षक भी अपनी मांगों पर टिके हैं. इसी कड़ी में एक और नियोजित शिक्षक की मौत की घटना ने तूल पकड़ लिया है. 


मामला मुजफ्फरपुर जिले का है. जहां डुमरी मुशहरी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले एक नियोजित शिक्षक की मौत से हड़कंप मच गया है. मृतक नियोजित शिक्षक की पहचान विनोद कुमार के रूप में की गई है. यह मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्राइमरी स्कूल में पढ़ाते थे. लगातार हड़ताली शिक्षकों की मौत के कारण टीचरों में और भी आक्रोश बढ़ते जा रहा है.


कुछ ही दिन पहले नियोजित शिक्षकों को यह जारी हुआ था कि यदि कोई भी शिक्षक अपना योगदान देना चाहते हैं तो वे अपना अभ्यावेदन पत्रा व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से अपने जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी या कार्यक्रम पदाधिकारी को दे सकते हैं. लेकिन नियोजित शिक्षकों ने इस प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया. 


हड़ताली शिक्षकों की ओर से भी शिक्षा मंत्री को खुला पत्रा लिखा गया. उन्होंने लिखा कि  सरकार की संवेदनशीलता पर अब "संवेदनशील" शब्द ही संवेदनहीन हो चुकी है. जिस सेवा शर्त पर सरकार के संवेदनशील होने की बात कर रहे हैं, उसे 3 महीने के अंदर लागू करने का संकल्प लेने वाली सरकार द्वारा 5 वर्ष के बाद भी पूरा नहीं कर पाने से ही सरकार की संवेदनशीलता खुद-ब-खुद बयां करती है. गौरतलब है कि 17 फरवरी से राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों व 25 फरवरी से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लगभग चार लाख शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.