नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली की सारी बातें जानिये: परीक्षा लेकर की जायेगी बहाली, समझिये कैसे होगी नियुक्ति और क्या सब हैं नियम-शर्तें?

नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली की सारी बातें जानिये: परीक्षा लेकर की जायेगी बहाली, समझिये कैसे होगी नियुक्ति और क्या सब हैं नियम-शर्तें?

PATNA: बिहार सरकार ने सूबे में शिक्षक नियुक्ति की सारी प्रक्रिया ही बदल दी है। नियोजित शिक्षक नियुक्त करने का जो सिलसिला नीतीश कुमार ने शुरू किया था, उसे नीतीश कुमार की कैबिनेट ने ही समाप्त कर दिया। सोमवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में राज्य में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दे दिया गया। इसके बाद शिक्षक नियुक्ति की सारी प्रक्रिया ही बदल गयी।


राज्य सरकार अब खुद आयोग के जरिये शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। शिक्षक राज्य के कर्मचारी होंगे। यानि अब नियोजन पर नियुक्ति नहीं होगी बल्कि नियमित बहाली होगी। सबसे बड़ी बात ये है कि अब मार्क्स के आधार पर नियुक्ति नहीं होगी बल्कि परीक्षा लेकर शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी। फर्स्ट बिहार आपके सामने राज्य सरकार की नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली को रख रहा है। देखिये कब कैसे होगी नियुक्ति और क्या सब होंगी नियम और शर्तें।


संवर्ग का गठन

बिहार सरकार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयोग का गठन करेगी. इसके जरिये ही पूरे बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, राजकीयकृत और प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय में नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापक का संवर्ग होगा. प्राथमिक और मध्य विद्यालय के मूल कोटि और स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक तथा माध्यमिक विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषयवार विद्यालय अध्यापक का अलग-अलग संवर्ग होगा. यह संवर्ग जिला स्तर का होगा।


सीधी नियुक्ति से भरे जायेंगे पद, जानिये क्या होगी योग्यता

नयी नियमावली के मुताबिक विद्यालय अध्यापक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जाऐंगे.  विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए ये सब योग्यता होनी चाहिये. 

  1. आवेदन करने वाला भारत का नागरिक हो और बिहार राज्य का स्थायी निवासी हो 
  2. विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक योग्यता होनी चाहिये. विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद् के अनुरूप होनी चाहिये. 
  3. आवेदन करने वाले को राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर आयोजित होने वाले शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना चाहिये. हालांकि साल 2012 से पहले नियुक्त और कार्यरत शिक्षक, जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे, के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी.
  4. विषय विशेष के लिए अलग से विशेष अर्हता का निर्धारण विभाग द्वारा समय-समय पर किया जायेगा।                                      आवेदक की उम्र 

प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय में विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति के लिए नियुक्ति वर्ष की पहली अगस्त को अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं कोटिवार अधिकतम आयु सीमा वही होगी जो राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर तय की जायेगी.  इसी प्रकार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति हेतु नियुक्ति वर्ष की पहली अगस्त को अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष एवं कोटिवार अधिकतम आयु सीमा वही होगी जो राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर विहित की जाय।


इस नियमावली के लागू होने के पहले पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियमावली के लागू होने के पश्चात् नियुक्ति के प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा 10 वर्ष की छूट देय होगी. जिस विनिर्दिष्ट विषय या विषय समूह में पात्रता परीक्षा नहीं ली गई है, उस विनिर्दिष्ट विषय या विषय समूह के पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को नियुक्ति के प्रथम समव्यवहार में अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्षों की छूट देय होगी।


लेकिन पंचायतीराज संस्था और नगर निकाय संस्था के तहत नियुक्त और कार्यरत शिक्षकों के लिए अधिकतम आयु की सीमा शिथिल करने हेतु राज्य सरकार द्वारा अलग से निर्णय लिया जा सकेगा. 


आरक्षण 

राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लागू आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा. लेकिन प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जायेगी.  विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिह्नित किया जायेगा। प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के मूल कोटि एवं स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के लिए विषयवार आरक्षण रोस्टर का संधारण समेकित रूप से जिला स्तर पर किया जायेगा.  इसी प्रकार माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यालय अध्यापक के लिए विषयवार आरक्षण रोस्टर का अलग-अलग संधारण जिला स्तर पर किया जायेगा. विद्यालय अध्यापक का आरक्षण- समाशोधन से संबंधित कार्य जिला पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा. इस नियमावली के लागू होने के बाद प्रथम समव्यवहार में विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु आरक्षण बिन्दु 01 से रोस्टर प्रारंभ होगा ।


नियुक्ति की प्रक्रिया 

शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय अध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु जिला स्तर पर रिक्त पदों की गणना कर रोस्टर क्लीयरेंस के साथ आरक्षण कोटिवार अधियाचना आवश्यकतानुसार आयोग को भेजी जायेगी. सीधी भर्ती हेतु प्राप्त अधियाचना के आलोक में आयोग रिक्तियों की संख्या विज्ञापित करेगा.  आयोग द्वारा विज्ञापित आवेदन पत्र में विद्यालय अध्यापक-अभ्यर्थी द्वारा योग्यता से संबंधित स्वघोषणा के आधार पर उनकी उम्मीदवारी का मूल्यांकन किया जाएगा।


परीक्षा लेकर होगी नियुक्ति, तीन बार मिलेगा मौका

शिक्षक नियुक्ति के लिए बना आयोग परीक्षा लेकर शिक्षकों की नियुक्ति करेगा. परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम का निर्धारण आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से किया जाएगा.  निर्धारित पाठ्यक्रम के आलोक में परीक्षा का आयोजन, प्रश्न पत्रों का निर्धारण, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन तथा परीक्षाफल का प्रकाशन आयोग द्वारा किया जाएगा. परीक्षा के पैटर्न का निर्धारण आयोग द्वारा किया जायेगा, जिसमें आवश्यकतानुसार विभाग से परामर्श लिया जा सकेगा। उक्त परीक्षा के लिए अर्हतांक नियत करने का विवेकाधिकार आयोग को होगा. कोई अभ्यर्थी इस नियमावली के अन्तर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा।


आयोग द्वारा ली गयी उक्त परीक्षा के आधार पर की गई अनुशंसा के आलोक में नियुक्ति की जायेगी. आयोग द्वारा की गई अनुशंसा, नियुक्ति का अधिकार तब तक नहीं प्रदान करेगी, जब तक की यथा आवश्यक प्रमाण पत्रों की जांच के उपरांत प्रशासी विभाग संतुष्ट न हो जाए कि अभ्यर्थी विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए सभी दृष्टियों से उपयुक्त है।


नियोजित शिक्षकों के लिए अलग प्रावधान

सरकार ने नयी नियमावली में कहा है कि पंचायतीराज संस्था एवं नगर निकाय संस्था अंतर्गत नियुक्त एवं कार्यरत शिक्षक इस संवर्ग में नियुक्ति के लिए जरूरी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र होंगे. उनके संबंध में आवश्यकतानुसार प्रक्रिया का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा अलग से किया जायेगा।


प्रमाण पत्रों की जाँच

आयोग द्वारा चयनित शिक्षक जिलों में नियुक्ति प्राधिकार के पास भेजे जायेंगे. नियुक्ति प्राधिकार का यह दायित्व होगा कि वे नियुक्ति पत्र निर्गत करने के पहले शैक्षणिक / प्रशैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव संबंधी प्रमाण पत्रों सहित अन्य प्रमाण पत्रों की यथाआवश्यक जाँच करा लेंगे. लेकिन कार्यहित में औपबंधिक नियुक्ति पत्र निर्गत किया जा सकता है एवं विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अन्दर प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया जा सकता है. प्रमाण पत्र जाली या गलत पाए जाने की स्थिति में नियुक्ति रद्द कर करते हुए वेतनादि के मद में दिए गए राशि की वसूली बिहार एण्ड उड़िसा पब्लिक डिमान्ड रिकॉवरी एक्ट 1914 के प्रावधानों के तहत करते हुए अन्य कानूनी कार्रवाई की जायेगी।


परिवीक्षा अवधि :-

सीधी भर्ती से नियुक्त किए जाने वाले विद्यालय अध्यापकों के लिए परिवीक्षा अवधि, योगदान की तिथि के प्रभाव से दो वर्षों के लिए होगी. परिवीक्षा अवधि संतोषजनक नहीं पाये जाने की दशा में परिवीक्षा अवधि का विस्तार एक वर्ष के लिए किया जा सकेगा. यदि विस्तारित अवधि में भी सेवा संतोषजनक नहीं पायी जायेगी तो नियुक्ति प्राधिकार ऐसे विद्यालय अध्यापक को सुनवाई का एक अवसर देते हुए उन्हें सेवामुक्त कर सकेगा. परिवीक्षा अवधि में विद्यालय अध्यापक को विभाग द्वारा विहित सांस्थिक या अन्य प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करना होगा.  प्रशिक्षण का कैलेंडर एवं पाठ्यक्रम विभाग द्वारा अलग से निर्धारित किया जायेगा।


सेवा की सम्पुष्टि 

परिवीक्षा अवधि संतोषजनक रूप से पूरा करने, प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने और शैक्षणिक / प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र आदि की जांच होने पर सेवा में सम्पुष्टि की जा सकेगी. 


शिक्षकों की वरीयता सूची

प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के विद्यालय अध्यापक की विषयवार समेकित वरीयता सूची होगी.  माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के विद्यालय अध्यापक की विषयवार वरीयता सूची अलग-अलग होगी. आपसी वरीयता सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित सिद्धांत के अनुरूप होगी. विद्यालय अध्यापक की वरीयता सूची जिला स्तर पर संधारित की जाएगी।


ऐसे होगी ट्रांसफर पोस्टिंग

विद्यालय अध्यापक का पद स्थानान्तरणीय होगा. मंत्रिमण्डल सचिवालय विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा स्थानान्तरण के निमित्त समय-समय पर निर्गत दिशा-निर्देश के आलोक में स्थानान्तरण की कार्रवाई संबंधित संवर्गीय पद पर संबंधित नियुक्ति प्राधिकार के द्वारा किया जा सकेगा. विद्यालय अध्यापक का अन्तर जिला स्थानान्तरण ऐच्छिक / प्रशासनिक / शैक्षणिक दृष्टिकोण से हो सकेगा. दूसरे जिले में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के संदर्भ में सक्षम प्राधिकार निदेशक, प्राथमिक शिक्षा होंगॉ. वहीं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय के संदर्भ में सक्षम प्राधिकार निदेशक, माध्यमिक शिक्षा होंगे. अन्तर जिला स्थानान्तरण के फलस्वरूप संबंधित स्थानान्तरित विद्यालय अध्यापक की वरीयता स्थानान्तरित जिला में उनके नियुक्ति वर्ष से संबंधित विद्यालय अध्यापक की विषयवार वरीयता से निम्न वरीयता के रूप में निर्धारित की जाएगी।


अनुशासनिक कार्रवाई 

बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली, 2005 में निहित प्रावधान इस नियमावली के अधीन नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापक पर प्रभावी होगा. 


सेवा संबंधी शर्तें

विद्यालय अध्यापक के पद का वेतनादि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जायेंगे. विद्यालय अध्यापक के विभिन्न संवर्गों का पद बल वही होगा जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जायेगा. अन्य सेवा शर्तें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जायेगीं. 


अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति 

इस नियमावली के अधीन नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके आश्रित की अनुकंपा पर नियुक्ति के संबंध में अलग से प्रावधान अधिसूचित किया जा सकेगा. 


शिक्षकों के लिए आचरण संहिता

शिक्षकों को निर्धारित पाठ्यक्रम को सुगम एवं सुलभ ढंग से पूर्ण करना / कराना होगा. उन्हें समय पर विद्यालय आना और निर्धारित रूटीन के अनुसार कक्षा का संचालन करना / कराना होगा. उन्हें बाल अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए बच्चों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं होने देना होगा. उन्हें किसी प्रकार के नशा का सेवन नहीं करना होगा. उन्हें सामाजिक कुरीतियों विशेषकर बाल-विवाह एवं दहेज प्रथा को दूर करने  में सक्रिय भूमिका निभाना होगा. 


शिक्षकों को वार्षिक माध्यमिक परीक्षा एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा के सफल संचालन हेतु बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निदेशों का अनुपालन करना होगा. विद्यालय अध्यापक पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976  में तय प्रावधान प्रभावी होंगे. 


शिकायत एवं अपील 

इस नियमावली के अधीन नियुक्ति संबंधी शिकायत / अपील तथा इस नियमावली के अधीन कार्यरत विद्यालय अध्यापक की सेवाशर्त से जुड़े मामलों पर अपील सुनकर विनिश्चय करने की शक्ति क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को होगी।


सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस नियमावली के प्रभावी होने की तिथि के उपरांत किसी दूसरे तरीके से कोई नई नियुक्ति नहीं की जा सकेगी. जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक एवं प्रमंडलीय संवर्ग के सहायक शिक्षक, जिसे मरणशील संवर्ग पूर्व में घोषित किया जा चुका है, पर यह नियमावली प्रभावी नहीं माना जायेगा. शिक्षा विभाग इस नियमावली के किसी भी प्रावधान को स्पष्ट कर सकेगी तथा इसे लागू करने में उत्पन्न कठिनाई को दूर कर सकेगी।