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1st Bihar Published by: Updated Wed, 23 Mar 2022 06:35:48 PM IST
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PATNA: उत्तर प्रदेश चुनाव से लेकर बिहार में बीजेपी से पंगा लेना मुकेश सहनी के लिए बहुत भारी पड़ा। मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायकों ने आज पाला बदल लिया। मुकेश सहनी की पार्टी के बिहार में तीन विधायक हैं।
तीनों विधायक आज शाम विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गये हैं। पार्टी विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्रीलाल यादव विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचे हैं।
उनके साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और बीजेपी के दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी भी हैं। वीआईपी के तीनों विधायकों ने मुकेश सहनी से पल्ला झाड़ लिया है।
विधानसभा सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मुकेश सहनी की पार्टी के तीनों विधायकों ने लिख कर दे दिया है कि वे सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी से अपना नाता तोड़ रहे हैं. वीआईपी के पास सिर्फ तीन विधायक हैं औऱ तीनों विधायकों ने पाला बदल लिया है.
अब मंत्री की कुर्सी जायेगी
बीजेपी के सूत्र बता रहे हैं कि अब मुकेश सहनी का विधानसभा में कोई नामलेवा नहीं रहा. ऐसे में अब वे मंत्री कैसे रहेंगे. वैसे भी वे बीजेपी कोटे से विधान पार्षद बने थे औऱ बीजेपी ने ही उन्हें मंत्री बनाया था. मुकेश सहनी के विधान परिषद का कार्यकाल भी दो महीने में समाप्त हो रहा है. उस समय मुकेश सहनी की कुर्सी जानी तो पहले से तय थी. लेकिन अब उनकी कुर्सी किसी भी क्षण जा सकती है. जानकार बता रहे हैं कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को बता दिया है कि मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटा दिया जाये.
भस्मासुर बन रहे थे मुकेश सहनी
बीजेपी के नेताओं ने फिलहाल कोई ठोस जानकारी नहीं दी है. लेकिन पार्टी के एक सीनियर नेता ने बताया कि मुकेश सहनी को अब बर्दाश्त करने का सवाल ही नहीं उठता. मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश में जो खेल करने की कोशिश की थी उसी समय ये तय कर लिया गया था कि उसका हिसाब बिहार में किया जायेगा. दरअसल मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश में बीजेपी हराओ मुहिम चला रहे थे. वे अपनी पार्टी के उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए काम नहीं कर रहे थे बल्कि लोगों से कह रहे थे कि बीजेपी को हर हाल में हराओ. बीजेपी नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान ही तय हो गया था कि मुकेश सहनी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
वहीं, बची-खुची कसर बिहार में पूरी हो गयी. बिहार में 24 सीटों पर विधान परिषद चुनाव हो रहे हैं. मुकेश सहनी ने बीजेपी के कोटे में आयी विधान परिषद की 7 सीटों पर उम्मीदवार दे दिया. दो सीटों पर बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिया. बीजेपी के नेता ने बताया कि मुकेश सहनी भाजपा को हराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
वहीं, मुकेश सहनी ने बार-बार मीडिया के सामने बयान दिया कि वे लालू यादव की विचारधारा पर काम कर रहे हैं. लालू यादव उनके दिल में बसते हैं. लालू यादव को लेकर मुकेश सहनी के बयानों के बाद जेडीयू के पास भी कोई ऑप्शन नहीं बचा कि वह सहनी का बचाव करे. हालांकि मुकेश सहनी ने नीतीश कुमार के पास जाकर गुहार लगायी थी लेकिन बीजेपी ने नीतीश को भी साफ-साफ कह दिया कि मुकेश सहनी पर कोई बात नहीं करेगी.
बीजेपी ने पहले ही दे दिया था संकेत
वैसे मुकेश सहनी का हाल क्या होने वाला है इसका संकेत पांच दिन पहले ही दे दिया था. मुकेश सहनी की पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई बोचहां विधानसभा सीट पर उप चुनाव हो रहा है. कायदे से ये सीट मुकेश सहनी को मिलनी चाहिये थी लेकिन बीजेपी ने वीआईपी पार्टी का नोटिस लिये बगैर उस सीट से अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया। मुकेश सहनी पटना में नीतीश कुमार के पास गये. वे दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलने गये. लेकिन दिल्ली में बीजेपी का कोई नेता उनसे मिलने तक को तैयार नहीं हुआ. हारकर मुकेश सहनी पटना आये और राजद से बागी हुए नेता रमई राम की बेटी को वीआईपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतार दिया।