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1st Bihar Published by: Updated Mon, 17 Jan 2022 08:25:54 AM IST
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PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून के मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरीके से अलग-थलग पड़ चुके हैं. मुख्यमंत्री को शराबबंदी के मुद्दे पर ना तो अपने सहयोगी दलों का साथ मिल रहा है और ना ही विपक्ष का. नालंदा में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने शराबबंदी कानून की समीक्षा की जरूरत बताई है. तो वहीं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने यहां तक कह दिया कि अगर कृषि कानून वापस लिए जा सकते हैं तो बिहार में शराबबंदी कानून क्यों नहीं.
शराबबंदी को लेकर जनता दल यूनाइटेड को किसी का साथ नहीं मिल रहा है. बिहार में सियासी समीकरण ऐसे बन गए हैं कि अब बीजेपी और कांग्रेस एक साथ नीतीश कुमार से सवाल पूछ रहे हैं. बीजेपी के बाद अब तो कांग्रेस में भी एक बार फिर से बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की जरूरत बताई है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि अगर सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल शराबबंदी की समीक्षा की जरूरत बता रहे हैं तो इस पर तुरंत कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है. अजीत शर्मा ने कहा है कि देर से ही सही लेकिन बीजेपी को यह बात समझ में आ गई है कि बिहार में लागू शराबबंदी की हकीकत क्या है. अजीत शर्मा ने यह भी कहा है कि संजय जयसवाल समीक्षा की बात कह रहे हैं उसका मैं पक्षधर हूं.
दरअसल, नालंदा की घटना के बाद संजय जायसवाल अपनी ही सरकार के ऊपर आक्रामक नजर आ रहे हैं, उन्होंने जनता दल यूनाइटेड से तीखे सवाल भी पूछे हैं और बिहार में शराबबंदी को लेकर इस वक्त बीजेपी और जेडीयू के बीच ठनी हुई नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा शुरू से यह बात कहते रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए. ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी के सुर में सुर मिलाकर कांग्रेस ने नीतीश कुमार की और परेशानी बढ़ा दी है.