Bihar Crime News: सीतामढ़ी में शराब तस्कर और मर्डर आरोपी की हत्या, पुलिस ने शुरू की छापेमारी Bihar Flood: राज्य की कई नदियां लाल निशान के करीब, गंगा खतरे के निशान के पार Bihar Election: बिहार में 50+ सीटों पर लड़ने जा रही कांग्रेस, RJD के साथ बात तय? ओवैसी पर भी हुआ फैसला Bihar News: चंदन मिश्रा मर्डर केस में बड़ा खुलासा: 5 नहीं, कुल 6 अपराधी थे शामिल; सभी की तस्वीरें आईं सामने Parenting Tips: महंगे स्कूल और नामी ट्यूशन के बाद भी बच्चा है पढाई में कमजोर? जानिए असली कारण और उसका इलाज Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश मचाएगी तबाही, आंधी और बिजली को लेकर बरतें विशेष सावधानी; IMD की अपील बेतिया में तेज़ रफ्तार ट्रक ने 50 वर्षीय महिला को कुचला, मौके पर ही दर्दनाक मौत सहरसा में 25 हजार का इनामी अपराधी अजय दास गिरफ्तार, हथियार तस्करी में था वांछित TCH EduServe में शिक्षक भर्ती 4.0, CTET, STET, SSC और बैंकिंग के लिए नया बैच शुरू, मिलेगी मुफ्त टेस्ट सीरीज और विशेष छूट लग्ज़री लाइफ की चाह में मां बनी हैवान: बेटी की हत्या कर शव को बेड में छिपाया, फिर प्रेमी के साथ की अय्याशी
1st Bihar Published by: Updated Thu, 30 Sep 2021 07:59:17 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार को लंबे अरसे से बिजली देने वाले दो यूनिट एनटीपीसी बंद करने की तैयारी में है। कांटी और बरौनी बिजलीघर को एनटीपीसी में बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। एनटीपीसी बिहार में छोटे बिजली घरों को बंद करने की तरफ आगे बढ़ा है। बिहार में 110 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाली दो इकाइयों को एनटीपीसी ने बंद करने का फैसला किया है। इनमें मुजफ्फरपुर का कांटी बिजलीघर और बरौनी यूनिट शामिल है। एनटीपीसी के अधिकारियों के मुताबिक पुरानी इकाई होने के कारण उत्पादन में अधिक कोयला लग रहा था, साथ ही साथ बिजली का उत्पादन लागत बढ़ता जा रहा था। इसी वजह से इन इकाइयों को बंद करने का फैसला किया गया है। एनटीपीसी की माने तो इन इकाइयों से प्रदूषण भी फैल रहा है लिहाजा कांटी और बरौनी की दोनों पुरानी इकाइयों को बंद करने का निर्णय लिया गया।
बिहार की इन दो पुरानी बिजली इकाइयों को बंद करने के फैसले के बाद एनटीपीसी का कहना है कि राज्य में इससे बिजली की कोई कमी नहीं पैदा होगी। अधिकारियों के मुताबिक नवीनगर में नई बिजली इकाई चालू हो रही है और इससे भी लोगों को बिजली मिल पाएगी। आपको बता दें कि बिहार में कांटी बिजलीघर की शुरुआत 1985 में हुई थी। तत्कालीन सांसद जॉर्ज फर्नांडिस के कोशिशों का नतीजा था कि कांटी में बिजली उत्पादन शुरू हो पाया। 50 मेगावाट की दोनों इकाई से बिजली उत्पादन शुरुआती दिनों में लगातार बंद रहा। साल 2002 में यहां बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप्प हो गया। इसके बाद 2005 में जब नीतीश कुमार सत्ता में आए तो उन्होंने कांटी बिजली घर के मेंटेनेंस के लिए थर्मल पावर को आर्थिक मदद दे दी। नवंबर 2013 में कांटी की पहली यूनिट शुरू हुई इसके अगले साल दूसरी यूनिट से भी बिजली का उत्पादन शुरू हो गया। बिहार को तब से लगातार 220 मेगावाट बिजली यहां से मिल रही है।
एनटीपीसी कांटी के बाद बरौनी की यूनिट को भी बंद करेगा। बरौनी में 110 मेगावाट की दो इकाइयों का आधुनिकीकरण 581 करोड़ की लागत से किया गया है। 2015 के बाद यहां से उत्पादन शुरू है। यह यूनिट भी एनटीपीसी के ही हवाले है। बिजली यूनिट को बंद किए जाने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि यहां से महंगी बिजली मिलती है। कांटी बिजली घर से फिलहाल 5 रुपये से अधिक की दर से प्रति यूनिट बिजली मिल रही थी जबकि इससे कम दर पर बाजार से बिजली उपलब्ध है। इसीलिए बिहार सरकार ने कांटी से बिजली लेना बंद कर दिया। बरौनी यूनिट से भी ऐसा ही मामला जुड़ा हुआ है।