बिहार चुनाव में महिलाओं का जलवा: 9% ज्यादा वोट डाल पुरुषों को पछाड़ा, रिकॉर्ड 67% मतदान पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी नहीं कर सकते: झारखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले दिलीप जायसवाल, कहा..बिहार की जनता ने एनडीए के प्रति दिखाया अटूट विश्वास Bihar Election 2025: बिहार में पहली बार 68.79% मतदान, दूसरे चरण ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले सम्राट चौधरी, रफ़्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर एक बार NDA सरकार! Bihar Politics: मतदान खत्म होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, खड़गे को भेजी चिट्ठी Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक
1st Bihar Published by: Updated Mon, 04 Apr 2022 08:45:53 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार में अब अगर पहली दफे शराब पीकर पकड़े जायेंगे तो सिर्फ दो से पांच हजार रूपये जुर्माना देकर ही छूट देंगे. नीतीश सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में इसकी नियमावली को मंजूरी दे दी. सरकार ने कुछ दिन पहले ही विधान मंडल से शराबबंदी कानून में संशोधन पास कराया था. कानून में संशोधन कर ये फैसला लिया जायेगा कि पहली दफा शराब पीने वालों को सरकारी मजिस्ट्रेट के पास पेश कर जुर्माना लेकर छोड दिया जायेगा.
कैबिनेट की बैठक में आज उसके लिए नियम तय कर लिये गये. सरकार ने तय किया है कि पहली दफे शराब पीते पकड़े गये व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के पास पेश किया जायेगा, जहां दो हजार से पांच हजार के बीच जुर्माना लेकर उसे छोड़ दिया जायेगा. लेकिन सरकार ये भी कह रही है कि मजिस्ट्रेट के पास जुर्माना देकर छूटने का अधिकार हरेक व्यक्ति को नहीं होगा.
ये सरकार और पुलिस तय करेगी कि किस व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के पास पेश कर सिर्फ जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाये. वहीं, अगर पहली दफे के बाद कोई दूसरी दफे पकड़ा जाता है तो उसे जेल जाना होगा औऱ उसके लिए दस साल की सजा का प्रावधान होगा।
जुर्माना नहीं दिया तो जेल
वैसे सरकार ने ये भी प्रावधान किया है कि अगर किसी ने मजिस्ट्रेट द्वारा तय जुर्माने की राशि नहीं भरी तो उसे एक महीने के जेल की सजा दी जायेगी. बता दें कि दो दिन पहले ही सरकार ने सूबे के सभी जिलों में उन मजिस्ट्रेट के नाम तय किये थे जो शराब मामलों की सुनवाई करेंगे. उन्हें शराब के मामलों की सुनवाई के लिए न्यायिक शक्तियां दी गयी थी।
सरकार ने सारी कवायद सुप्रीम कोर्ट की तगड़ी फटकार के बाद लगायी थी. दरअसल बिहार के सारे कोर्ट शराब के मामलों की सुनवाई में लगे थे. हाईकोर्ट में 16 जज शराब के मामलों की सुनवाई कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि उसने कौन सी योजना बनाकर शराबबंदी कानून बनाया था. इसके बाद नीतीश सरकार ने आनन फानन में शराबबंदी कानून बदला. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि वह कानून में संशोधन करने जा रही है इसलिए कोर्ट इस मामले की सुनवाई कुछ दिनों के लिए टाल दे।