ब्रेकिंग न्यूज़

Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, बॉर्डर इलाके में बरती जा रही विशेष चौकसी Pahalgam Attack: पहलगाम हमले के बाद बिहार में भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट, बॉर्डर इलाके में बरती जा रही विशेष चौकसी National Herald case :नेशनल हेराल्ड केस मामले में सोनिया और राहुल गांधी को कोर्ट का नोटिस, 7 मई को अगली सुनवाई SIT In Action: पाकिस्तान में 15 दिन रहा यह कांग्रेसी MP? पत्नी के NGO पर पाक से फंडिंग लेने का इल्जाम, जांच में जुटी SIT Success Story: चार बार फेल होने के बाद भी नहीं टूटे हौसले, कठिन परिश्रम कर 5वीं बार में बनीं UPSC टॉपर! Bihar Politics: BJP नेता ऋतुराज सिन्हा का तेजस्वी पर पलटवार, लालू यादव का नाम लेकर खूब सुनाया Bihar Politics: BJP नेता ऋतुराज सिन्हा का तेजस्वी पर पलटवार, लालू यादव का नाम लेकर खूब सुनाया Bihar News: सिपाहियों के संघ का 'नेता' फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर 11 माह से फरार...बालू के अवैध धंधा में शामिल होने की शिकायत पर SP ने कराई जांच तो खुल गई पोल Action On CRPF Jawan: बिना अनुमति पाकिस्तानी लड़की से शादी करना पड़ा भारी, अब CRPF करने जा रही बड़ी कार्रवाई Unique Party Trend: बिना दूल्हा-दुल्हन के हो रही शादी! दिल्ली में सामने आया नया ट्रेंड, जानिए..

पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति बने आसिफ अली जरदारी, विवादों से रहा है पुराना नाता

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 09 Mar 2024 07:58:08 PM IST

पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति बने आसिफ अली जरदारी, विवादों से रहा है पुराना नाता

- फ़ोटो

DESK: आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। जरदारी पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के चौर पर शपथ लेंगे। जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए हैं। जरदारी का विवादों से पुराना नाता रहा है। हत्या और भ्रष्टाचार के आरोप में वे 11 साल जेल में रह चुके हैं।


राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की है। संसद के दोनों सदनों और देश का चार में तीन प्रांतों की विधानसभा में जरदारी को बहुमत मिला है। जरदारी ने कुल 411 वोट हासिल किया है जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी महमूद अचकजई को महज 181 वोट मिले हैं।


इससे पहले 2008 से 2013 के बीच वे पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे थे। सफलतापूर्क अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्होंने अगले राष्ट्रपति को कार्यभार सौंपा था। बेनजीर भुट्टो सरकार में उन्होंने कई अहम भूमिकाएं निभाई थीं लेकिन सरकार गिरने के बाद उन पर कई गंभीर आरोप लगे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जरदारी की पत्नी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद उन्हें एक दशक तक जेल में रहना पड़ा था।