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1st Bihar Published by: Updated Wed, 09 Feb 2022 09:15:48 AM IST
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PATNA : आगामी विधान परिषद चुनाव में आरजेडी ने कांग्रेस को तवज्जो नहीं दी। आरजेडी से गठबंधन के लिए ललायित कांग्रेस नेताओं को जब झटका लगा तो उन्होंने अब नया दांव खेल दिया है। दरअसल, स्थानीय निकाय कोटे से बिहार विधान परिषद की कुल 24 सीटों पर चुनाव होना है। कांग्रेस आरजेडी से इस चुनाव में लगभग 6 से 7 सीटें मांग रही थी लेकिन ना तो लालू यादव और ना ही तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के इस मांग को तरजीह दी। आखिरकार यह तय हो गया कि आरजेडी लेफ्ट के साथ मिलकर इस चुनाव में उतरेगा और तो अब कांग्रेस के नेताओं ने आरजेडी से झटका मिलने के बाद नया दांव खेला है।
दरअसल, गठबंधन नहीं होने से निराश कांग्रेस के नेताओं ने अकेलेपन में भी अवसर को तलाश लिया है. कांग्रेस अब सभी विधान परिषद की सीटों पर दावेदारों का बायोडाटा लेने जा रही है. विधान परिषद की कम से कम 20 सीटों पर कांग्रेस से की तरफ से चुनाव लड़ने वाले दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं. पिछले 2 दिनों से बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सदाकत आश्रम में बैठक कर रहे हैं. इस दौरान नेताओं से फीडबैक भी लिया जा रहा है.
लेकिन हैरत की बात यह है कि कांग्रेस की तरफ से जो लोग विधान परिषद चुनाव में अपनी दावेदारी रखना चाहते हैं, उन्हें पार्टी की सदस्यता रसीद कटवा ली जा रही है. प्रदेश कांग्रेस ऐसे दावेदारों से ₹5000 की रसीद कटवा रही है. सदाकत आश्रम में बिहार के प्रभारी सचिव विरेंद्र सिंह राठौर ने कुछ सीटों पर उम्मीदवारी को लेकर आए दावेदारों से मुलाकात भी की. इसके बाद यह तय किया गया कि सभी 24 सीटों पर एक-एक आब्जर्वर बनाया जाए. यानी कुल मिलाकर कहें तो कांग्रेस की तैयारी अब अकेले विधान परिषद चुनाव में उतरने की है.
ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में पहली बार यह होने जा रहा है. दरअसल पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो दल में दो तरह के लोग काम कर रहे हैं. पहला धड़ा उन लोगों का है जो कम सीटों पर गठबंधन के साथ चुनाव लड़कर पार्टी के लिए बेहतर परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है जबकि पार्टी के अंदर ही ऐसे नेताओं की भी फेहरिस्त है जो अकेले कांग्रेस को चुनाव लड़ते देखना चाहते हैं. ऐसे नेताओं को लगता है कि सभी सीटों पर दावेदारों की फौज अगर खड़ी हुई तो उनके पौ-बारह हो सकते हैं. आरजेडी की तरफ से मिले झटके ने दूसरे तरह की सोच रखने वाले कांग्रेसियों को मौका दे दिया है. अब देखना होगा कि कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारों के चेहरे कैसे होते हैं और चुनाव के बाद नतीजों में उनका हाल क्या होता है.