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1st Bihar Published by: Updated Sat, 18 Jul 2020 08:40:46 PM IST
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PATNA : बिहार में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या लगभग 25 हजार हो चुकी है. लेकिन इन सब के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है. राजधानी में बढ़ते संक्रमण की रिपोर्ट को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. राज्य सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. यहां जानिए आखिर पूरा मामला क्या है.
बिहार स्वास्थ्य विभाग की ओर से शनिवार को जारी ताजा अपडेट के मुताबिक़ पिछले 24 घंटे के भीतर 739 नए केस सामने आये हैं. इसके साथ ही विभाग ने पेंडिंग रिपोर्ट के आंकड़े भी पेश किये हैं, जिसके मुताबिक 16 जुलाई या इससे पहले के पेंडिंग रिपोर्ट में 928 पॉजिटिव केसों की पुष्टि की गई है. जिसके कारण बिहार में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 24967 हो गया है. लकिन सबसे बड़ी बात ये है कि आखिर सरकार की ओर से उन 1769 लोगों की रिपोर्ट क्यों नहीं बताई गई जो पॉजिटिव मिले हैं मगर किस जिले के हैं, ये सरकार ने आज भी नहीं बताया है.
फर्स्ट बिहार की टीम ने इस मामले का खुलासा किया है. शुक्रवार को जिन 841 और शनिवार को 928 लोगों की रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया गया है. दरअसल, सरकार के ही आंकड़े के मुताबिक सबसे ज्यादा आंकड़े पटना के छुपाये गए हैं. फर्स्ट बिहार की टीम ने जब स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े का एनालिसिस किया तो चौकाने वाली एक बात सामने आई. क्योंकि 48 घंटों में छिपे 1769 लोगों की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा पटना के 465 मरीज शामिल हैं.
बिहार सरकार के ही आंकड़े के मुताबिक 16 जुलाई को मिले 378 नए केस के साथ आंकड़ा 2880 हो गया. शुक्रवार 17 जुलाई को सरकार ने बताया कि पटना में सिर्फ 99 केस मिले हैं तो आखिर नियमित अपडेट में आंकड़ा बढ़कर 3245 हो गया. यानी कि 266 केस ज्यादा हो गए. इतना ही नहीं, अगले दिन शनिवार 18 जुलाई को सरकार ने बताया कि पटना में सिर्फ 137 केस मिले तो फिर से नियमित अपडेट में आंकड़ा बढ़कर 3581 हो गया. यानी कि फिर से 199 मरीज ज्यादा हो गए.
दरअसल 17 जुलाई को 266 और फिर 18 जुलाई को 199 लोगों की रिपोर्ट मिलकर ही 465 लोग संक्रमित मिले. जिसका जिक्र सरकार ने नहीं किया. बिहार सरकार खुद ही अपने आंकड़े में फंसती हुई नजर आ रही है. क्योंकि सरकार ने जिन 1769 लोगों की रिपोर्ट के बारे में नहीं बताया है, ये वही लोग हैं. जिनकी रिपोर्ट छुपाई गई है. सिर्फ पटना ही नहीं, बल्कि अररिया, अरवल, भागलपुर, बेगुसराई, भोजपुर, बक्सर समेत तमाम जिलों की रिपोर्ट में इसी तरह की गड़बड़ी देखी जा रही है.