1st Bihar Published by: Updated Wed, 18 Dec 2019 07:17:30 PM IST
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GAYA: अपनी अस्मत और जान बचाने के लिए पांच बार पुलिस से गुहार लगाने वाली मुजफ्फरपुर की एक बेटी को जिंदा जला कर मार डाला गया. इस घटना को अंजाम देने वाले हैवानों को सजा दिलाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार स्पेशल कोर्ट नहीं बनाने जा रही है. बिहार के कई हिस्सों से हाड़ को कंपा देने वाली ऐसी घटनायें सामने आयी हैं. सरकार को उनकी भी फिक्र नहीं है. सरकार ने अपनी चिंता आज जता दी. बिहार में शराब पीने वालों पर मुकदमा चला कर सजा दिलाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने 74 स्पेशल कोर्ट बनाने का फैसला ले लिया है. आज कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गयी.
सरकार ने कहा-ऐतिहासिक फैसला लिया
गया में आज कैबिनेट की बैठक के बाद बिहार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी उत्साह से लबरेज होकर मीडिया के सामने आये. कैबिनेट की बैठक की ब्रीफिंग कैबिनेट सचिव करते हैं. लेकिन आमिर सुबहानी खास ऐसान करने आये. मीडिया को जानकारी दी-“ सरकार ने आज बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार ने राज्य में 74 पूर्णकालिक न्यायालय बनाने का फैसला लिया है. इन अदालतों में सिर्फ शराब से संबंधित मुकदमों की सुनवाई होगी.”
आमिर सुबहानी बोले “ अब तक जो शराब से जुड़े मुकदमों की सुनवाई होती थी वो ADJ -1 के कोर्ट में होती थी. लेकिन वो स्पेशल कोर्ट थे फुलटाइम कोर्ट नहीं थे. उन्हें और भी काम करने होते थे. जिससे शराबबंदी से संबंधित मामलों की सुनवाई और सजा दिलाने में देर होती थी. इसलिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की सहमति से राज्य भर में कुल 74 होलटाइम कोर्ट बनाने का फैसला लिया है. ये कोर्ट ADJ लेवल के होंगे. इसे जल्द से जल्द कार्यरत कर दिया जायेगा. इससे शराब पीने-पिलाने वालों को जल्द सजा दिलायी जा सकेगी. इससे शराबबंदी और ठीक से लागू होगा. “
आमिर सुबहानी ने बताया कि बिहार में अगस्त कर शराब से संबंधित 2 लाख 16 मुकदमे पेंडिंग थे. सरकार ने पूरा अध्ययन किया और फिर तय किया कि इन मामलों के लिए 74 फुलटाइम कोर्ट चाहिये. इसलिए इतने कोर्ट बनाये जा रहे हैं.