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1st Bihar Published by: ARYAN SHARMA Updated Mon, 27 Mar 2023 06:28:28 PM IST
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PATNA: बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर सम्राट चौधरी की ताजपोशी के साथ ही बिहार भाजपा की तस्वीर बदलती हुई दिख रही है। तीन दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये सम्राट चौधरी आज दिल्ली से अपना कार्यभार संभालने पटना पहुंचे। एयरपोर्ट से लेकर पटना की सड़क और पार्टी के प्रदेश कार्यालय का नजारा ये बताने को काफी था कि सम्राट चौधरी के बिहार में भाजपा का ‘सम्राट’ बनने के साथ ही बहुत कुछ बदल गया है।
एयरपोर्ट पहुंच गये भाजपा के तमाम दिग्गज
सम्राट चौधरी के अध्यक्ष बनने के बाद बदली हुई पहली तस्वीर पटना एयरपोर्ट पर ही दिख गयी। भाजपा के एक नेता ने बताया सोमवार को पटना एयरपोर्ट पर सम्राट चौधरी के स्वागत के लिए जिस तरह से नेताओं में होड़ मची रही उसे देखना दिलचस्प था। पार्टी के चार बड़े नेता संसद की कार्यवाही छोड़कर सम्राट चौधरी के स्वागत के लिए पटना एयरपोर्ट पर ही मौजूद थे।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, पूर्व मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद राधामोहन सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष औऱ सांसद संजय जायसवाल फूलों का गुलदस्ता लेकर पटना एयरपोर्ट पर खड़े थे। इसके अलावा बिहार भाजपा का लगभग हर प्रमुख नेता वहां मौजूद था। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया, राष्ट्रीय मंत्री रितुराज सिन्हा, मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन जैसे तमाम नेता बुके लेकर एयरपोर्ट पर ही स्वागत के लिए मौजूद थे।
भाजपा के नेता ने फर्स्ट बिहार से बात करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश अध्यक्ष बने हैं लेकिन एयरपोर्ट पर ऐसा नजारा नहीं दिखा था। 2019 में जब संजय जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष बनकर आये थे तो उनका भी स्वागत हुआ था लेकिन पार्टी के दिग्गज नेता एयरपोर्ट पर लाइन लगाकर खड़े नहीं थे। कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया था। फिर पार्टी के नेताओं ने प्रदेश कार्यालय में उनका स्वागत किया था लेकिन सम्राट चौधरी के स्वागत के लिए तो सारे बड़े नेता एयरपोर्ट पर लाइन लगा कर खड़े थे। हाल ये था कि पार्टी के एक बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नये प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत में उन्हें गमछा पहनाने गये लेकिन दूसरे बड़े नेता ने उन्हें धक्का देकर दूर कर दिया।
ऊपर से था निर्देश
बीजेपी के एक नेता ने बताया कि सम्राट चौधरी के ऐसे स्वागत का निर्देश ऊपर से ही आया था। तभी दो केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और अश्विनी चौबे के साथ साथ कम से काम चार औऱ सांसद संसद की कार्यवाही छोड़कर पटना में मौजूद थे। भाजपा के मंत्रियों औऱ सांसदों को संसद की कार्यवाही में शामिल नहीं होने के लिए आलाकमान से निर्देश लेना होता है। आलाकमान की इजाजत थी तभी मंत्री और सांसद एयरपोर्ट पर लाइन लगा कर खड़े थे। आलाकमान का फरमान सिर्फ नेताओं के लिए नहीं था बल्कि कार्यकर्ताओं को भी जुटाकर सम्राट चौधरी का भव्य स्वागत कराने का था। तभी पूरे बिहार से बीजेपी कार्यकर्ता पटना पहुंचे थे।
पटना एयरपोर्ट से बीजेपी के प्रदेश कार्यालय की दूरी लगभग पांच किलोमीटर है। एयरपोर्ट से निकले सम्राट चौधरी के काफिले को पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग दो घंटे लगे। हजारों कार्यकर्ताओं औऱ सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ खुली गाड़ी में सवार होकर निकले सम्राट चौधरी को रास्ते में कम से कम दस जगहों पर रोक कर स्वागत किया गया। पार्टी का शायद ही कोई नेता होगा जिसने सम्राट चौधरी के स्वागत के लिए होर्डिंग नहीं लगवाया होगा। ढोल नगाड़े से लेकर फूलों की बारिश और पटाखों के शोर के साथ चल रहा सम्राट चौधरी का काफिला ये बता रहा था कि बीजेपी ने अध्यक्ष नहीं ‘सम्राट’ चुना है।
अमित शाह की पसंद हैं सम्राट चौधरी
भाजपा का हर नेता ये जान रहा है कि सम्राट चौधरी सीधे गृह मंत्री अमित शाह की पसंद हैं। अमित शाह ये एलान कर चुके हैं कि 2024 और 2025 के चुनाव के लिए बिहार बीजेपी डायरेक्ट उनकी निगरानी में काम करेगी। तभी अमित शाह लगभग हर महीने बिहार आ रहे हैं और हर महीने बिहार बीजेपी की समीक्षा भी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बिहार भाजपा के नये अध्यक्ष के लिए कई नामों की चर्चा हो रही थी लेकिन सीधे अमित शाह की ओऱ से सम्राट चौधरी का नाम आया और राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से उनकी नियुक्ति का लेटर निकाल दिया गया।
सीएम पद के दावेदार होंगे सम्राट
भाजपा सूत्र बता रहें हैं कि सम्राट चौधरी 2025 के चुनाव में भाजपा की ओर से सीएम पद के दावेदार होंगे। अमित शाह 6 महीने पहले ही ये एलान कर चुके हैं कि 2025 का चुनाव सीएम पद का दावेदार घोषित कर लड़ा जायेगा। वे ये भी कह चुके हैं कि बीजेपी की ओर से 2024 में ही सीएम पद का दावेदार घोषित कर दिया जायेगा. अब जिस तरह से सम्राट चौधरी की ताजपोशी हुई है उससे ये तय ही माना जा रहा है कि सम्राट ही बीजेपी की ओर से सीएम पद के दावेदार होंगे. इसके पीछे उनका जातिगत आधार भी काम कर रहा है. सम्राट चौधरी कुशवाहा जाति से आते हैं. कुशवाहा जाति के वोटरों की तादाद बिहार में काफी ज्यादा है. बिहार में मुसलमान, यादव के बाद कुशवाहा जाति के वोटरों की संख्या है. अब तक इस जाति को नीतीश का वोट बैंक माना जाता था।
बीजेपी ये मान रही है कि सम्राट चौधरी के सहारे उसे डबल फायदा होगा। एक तो नीतीश या फिर कहें कि महागठबंधन का वोट कम होगा. उतना ही वोट बीजेपी में जुडेगा. बीजेपी का मानना है कि कुशवाहा वोट बैंक के जुडने के बाद उसका पलड़ा महागठबंधन से भारी होगा. सवर्ण, वैश्य, अति पिछ़ड़ी जातियों का एक बड़ा तबका, पासवान और कुशवाहा का वोट महागठबंधन के एमवाई समीकरण पर भारी पड़ने वाला है. ये बीजेपी की रणनीति है. लेकिन यह किस हद तक कारगर हो पायेगी इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।