ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR NEWS : बिहार में इस दिन होगी दीपावली की सरकारी छुट्टी, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला BIHAR ELECTION : सीट बंटवारे को लेकर NDA ने बुलाई बैठक, चिराग- मांझी और कुशवाहा के शामिल होने पर संशय; फिर कैसे बनेगी बात ? Reserve Bank of India: इस बैंक को RBI ने किया बंद, क्या आपका भी है अकाउंट तो जान लें पूरी खबर? Bihar Election 2025: प्रधान और तावड़े से नहीं माने चिराग, क्या शाह की कॉल से मानेंगे मोदी के हनुमान Bihar Sand Mining: तीन महीने की बंदी के बाद फिर खुलेगा बालू खनन का रास्ता, जानें कब से गूंजेगी मशीनों की आवाज! PAWAN SINGH : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ी पवन सिंह की सुरक्षा, मिली Y प्लस सुरक्षा, बीजेपी इस सीट से लड़ा सकती है चुनाव Bihar Election 2025: बिहार के अंदर इस मामले में भी तेजस्वी से आगे नीकली NDA, इस जगह भी महागठबंधन नहीं दे पा रहा टक्कर Special Vigilance Unit raid : SVU की बड़ी कार्रवाई विद्युत कार्यपालक अभियंता के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति की जांच Bihar Jobs 2025: बिहार में युवाओं के लिए बड़ा मौका, इन पोस्ट पर होगी बहाली; जानिए कैसे भरें फॉर्म और क्या है योग्यता Bihar Politics: 'बिहार चुनाव में पुरे होंगे सपने ...,' रामविलास की बरसी पर बोले चिराग पासवान ...जो जिम्मेदारी उनके कंधों पर सौंपी उसे निभाना हमारा लक्ष्य

सांसद ने लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, फिर भी खाद के लिए परेशान हैं औरंगाबाद के किसान

1st Bihar Published by: AKASH KUMAR Updated Wed, 15 Dec 2021 08:29:58 AM IST

सांसद ने लोकसभा में भी उठाया मुद्दा, फिर भी खाद के लिए परेशान हैं औरंगाबाद के किसान

- फ़ोटो

AURANGABAD : रबी की खेती के लिए किसानों को खाद की जरुरत है। इधर बाजार में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। नतीजतन किसान कालाबाजारी में 1200 के बदले 1800 रूपये प्रति बोरी के महंगे दाम पर खाद खरीदने को मजबूर हो रहे है। उंची कीमत पर खाद खरीदने से बचने के लिए जब किसान सहकारी संस्थाओं के उर्वरक बिक्री केंद्र पर पहुंच रहे है, तो यहां भी उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 


पहली परेशानी तो मांग ज्यादा और उपलब्धता कम होने के कारण उर्वरक बिक्री केंद्रों पर भीड़ का लगना। फिर भीड़ में लंबी कतार में घंटो खड़ा रहना। यह सब सहते हुए घंटों कतार में लग कर किसान जब काउंटर तक पहुंच जाते है तो स्टॉक खत्म हो जाता है। ऐसे में फिर अगले दिन आना और घंटो लाइन लगाना तब जाकर खाद पाना, इन दिनो किसानों के लिए यह रोजमर्रा बन गया है। 


पहले जहां किसानो को सहजता से खाद मिल जाता था। वहीं अब किसानों को खाद खरीदने के लिए खुद के किसान होने का प्रमाण तक देना पड़ रहा है। हालांकि सांसद सुशील कुमार सिंह ने किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास किया है। लोकसभा में भी सवाल उठाया है, जो सराहनीय है, पर अबतक उनके प्रयास पूरे परवान नही चढ़ पाए है। 


इधर कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को निर्धारित सरकारी दर पर खाद उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे है। नियंत्रित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए वे उर्वरक बिक्री की दुकानों का भी निरीक्षण कर दुकानदारों को सख्त हिदायत भी दे रहे है। इन सबके बावजूद खाद किसानो को सही तरीके से नही मिल रहा है। नतीजा किसान अब भी परेशान है।