ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR NEWS : मां के सोते ही BA की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, अब पुलिस कर रही जांच BIHAR CRIME : नशे में धुत बेटे ने पिता पर किया हमला, चाकू छीनकर पिता ने कर दी बेटे की हत्या BIHAR STET EXAM : जानिए बिहार STET एग्जाम का पैटर्न, 5 घंटे में पूछे जाएंगे 300 सवाल; गलत जवाब पर भी नहीं कटेंगे जवाब Asia Cup 2025: सूर्या की कप्तानी में आज दिखेगा भारत का दम-खम, इस एप पर देखें इंडिया और UAE का लाइव मुकाबला Bihar Government Scheme: सावधान ! महिला रोजगार योजना के नाम पर हो रहा बड़ा खेल, आपको भी आ रहा ऐसा लिंक तो ठहर जाए Bihar Train News: बिहार के स्टेशनों को मिली बड़ी राहत, रेलवे ने कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव को दी मंजूरी टी सी एच एदुसर्व 16 सितम्बर से नया बैच शुरू, 100% फीस माफी की सुविधा Bihar News: फ्री फायर गेम खेल रहा किशोर को अपराधियों ने मारी गोली, पुलिस कर रही छापेमारी Bihar News: डीईओ साहब....संग्रामपुर ही नहीं तुरकौलिया ब्लॉक के 20 स्कूलों में भी बिना काम के 1 करोड़ की हुई निकासी ! प्रधानाध्यापक ही भ्रष्ट सिस्टम की खोल रहे पोल, जांच करायेंगे ? IAS Transfer: बिहार में कई IAS अधिकारियों का तबादला, हटाए गए उत्पाद आयुक्त; देखें पूरी लिस्ट

सत्ता के गलियारे में चर्चा: साव जी तो पुराने दरबार के सेवक बन गये हैं, क्या साहब चोट खाने के बाद फिर करेंगे भरोसा?

1st Bihar Published by: Updated Thu, 30 Dec 2021 08:00:03 AM IST

सत्ता के गलियारे में चर्चा: साव जी तो पुराने दरबार के सेवक बन गये हैं, क्या साहब चोट खाने के बाद फिर करेंगे भरोसा?

- फ़ोटो

PATNA: बिहार में विधानसभा और लोकसभा चुनाव तो दूर हैं लेकिन विधान परिषद का चुनाव सामने है. अगले कुछ महीने में विधान परिषद की 31 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं. 7 सीटें विधान सभा कोटे से भरी जायेंगी लेकिन बाकी 24 सीटों के लिए चुनाव होगा. स्थानीय निकाय क्षेत्र से 24 एमएलसी का चुनाव होना है. इसमें पंचायती राज औऱ नगर निकाय के चुने गये प्रतिनिधि एमएलसी का चुनाव करते हैं. बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न हो गये हैं औऱ इसमें जो जनप्रतिनिधि चुन कर आये हैं उनका आंकड़ा जानकर साव जी हैरान-परेशान हैं. साव जी कभी सेवक हुआ करते थे लेकिन जिसके कारण माननीय बने उसे ही गच्चा दे बैठे थे. अब खबर ये है कि साव जी फिर से पुराने दरबार के सेवक बनने को बेकरार हैं तभी तो कुर्सी मिलने के चांस है.


पुराने दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं साव जी 


दरअसल, सत्ता के गलिय़ारे में चर्चा आम है कि जेडीयू के एक एमएलसी अपने पुराने दरबार में ताबड़तोड़ हाजिरी लगा रहे हैं. पुराने संबंधों से लेकर पिछले हिसाब किताब का हवाला दे रहे हैं. गलती न दुहराने के साथ साथ अब कभी धोखा न देने की कसमें भी खा रहे हैं. पुराने साहब दिल्ली में बीमार होकर पड़े हैं. सेठ जी वहां कम से कम चार दफे हाजिरी लगा चुके हैं. पुराने साहब को पुराने ही संबंधों का हवाला दे रहे हैं. हिसाब किताब भी बता रहे हैं. लेन देन में जो गडबड़ी कर बैठे थे उसे दुरूस्त करने की भी कसमें खा रहे हैं. ये दीगर बात है कि साहब खामोश हैं. वे कोई आश्वासन तक नहीं दे रहे. साव जी की बेचैनी इसी बात से ज्यादा बढ़ी है.


परेशानी क्या है साव जी की


दरअसल साव जी पुराने साहब की कृपा से ही एमएलसी बने थे. जिस निर्वाचन क्षेत्र से वे विधान पार्षद चुने गये थे वहां यादव-मुस्लिम वोटर थोक में थे. एमवाई समीकरण वाले साहब ने उनके नाम पर अपनी मुहर लगायी थी तो साव जी की किस्मत खुल गयी थी. बड़े कम वोटों से ही वे चुनाव जीत कर उच्च सदन पहुंच गये थे. लेकिन फिर सत्ता के लोभ में पुराने साहब को ही भूल गये. उनके क्षेत्र के एक नेता कहते हैं-जिसने सेवक से साव जी बनाया था, उसी की पीठ में खंजर मार दिया. साव जी पुराने साहब और पार्टी को दगा देकर सत्ता वाली पार्टी में शामिल हो गये थे.


अब मुश्किल में फंस गये हैं साव जी


वैसे तो साव जी को नयी पार्टी से टिकट मिल जायेगा. लेकिन सिर्फ टिकट ही मिलेगी, जीत की गारंटी को कतई नजर नहीं आ रही. दरअसल, साव जी इस बार हुए पंचायत चुनाव का रिजल्ट देख रहे हैं. उनके निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 50 फीसदी तो सिर्फ एम-वाई वाले लोग चुनकर आय़े हैं. साव जी जानते हैं कि चुनाव में मैनेजमेंट का खेल चलता है. लेकिन वोटर चालाक हो गये हैं, वे मैनेजमेंट वाला प्रसाद लेकर भी वोट उसी को करते हैं जो उनकी पसंद का होता है. साव जी के क्षेत्र का हाल ये है कि एम-वाई का वोट एक साथ किसी को मिल जाये तो वो जीत जायेगा. उपर से तीन तारा निशान वाले का वोट भी तो एम-वाई समीकरण के साथ जायेगा. ऐसे में तीर वाला कैसे जीतेगा, साव जी इसी चिंता मे डूबे हैं.


साहब नहीं दे रहे गारंटी


पुराने साहब के लोग बता रहे हैं कि साव जी व्याकुल होकर साहब से कई दफे मिल चुके हैं. फोन तो लगातार कर ही रहे हैं. लेकिन साहब कोई गारंटी नहीं दे रहे हैं. वैसे भी साहब अब धोखा देने वालों पर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. साहब की पार्टी का काम भी तो अब युवराज देख रहे हैं औऱ युवराज के नियम कायदे अलग हैं. उन्हें पुराने मैनेजमेंट के बजाये अपने सियासी समीकरण को ठीक करना पसंद है. ऐसे में साव जी फंस गये हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि साव जी नैया पार होती है या फिर सोन नदी के कम पानी में ही डूब जाती है.