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1st Bihar Published by: Updated Sun, 16 Jan 2022 11:52:02 AM IST
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PATNA : बिहार में शराबबंदी को नीतीश कुमार अपनों से ही घिरते नज़र आ रहे हैं. नालंदा में जहरीली शराब से हुई मौत मामले में बीजेपी लगातार नीतीश कुमार को घेर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जहां एक ओर शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करने की की बात कही है तो वहीं भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक बार फिर जदयू पर हमला बोला है.
नालंदा में जहरीली शराब से हुई 11 लोगों की मौत पर संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार से नालंदा के बड़े अफसर को गिरफ्तार करने की मांग की है. साथ ही जायसवाल ने जदयू नेताओं से पूछा कि क्या इन मृतक के परिजनों को जेल भेज देना चाहिए. इसको लेकर जायसवाल ने एक लंबा फेसबुक पोस्ट किया है.
संजय जयसवाल का फेसबुक पोस्ट
"नालंदा जिले में जहरीली शराब से 11 मौतें हो चुकी हैं। परसों मुझसे जहरीली शराब पर जदयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था। आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां संतवाना देता तो आपके लिए अपराध है। अगर शराबबंदी लागू करना है तो सबसे पहले नालंदा प्रशासन द्वारा गलत बयान देने वाले उस बड़े अफसर की गिरफ्तारी होनी चाहिए क्योंकि प्रशासन का काम जिला चलाना होता है ना कि जहरीली शराब से मृत व्यक्तियों को अजीबोगरीब बीमारी से मरने का कारण बताना।यह साफ बताता है कि प्रशासन स्वयं शराब माफिया से मिला हुआ है और उनकी करतूतों को छुपाने का काम कर रहा है।
दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्रि होने दी। 10 वर्ष का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना जहां वह यह सब काम चालू रख सकें। तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है, जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है। इस को पकड़ना भी बहुत आसान है। इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा। शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं, जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे। जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा।"