Bihar News: बिहार में निगरानी का तगड़ा एक्शन, रिश्वत लेते एक दिन में दबोचे गए 5 घूसखोर Bihar Train News: खत्म होगा कंफर्म टिकट मिलने का झंझट, बिहार के इन 8 स्टेशनों से चलेगी अमृत भारत एक्सप्रेस VIRAL VIDEO : ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में हंगामा, कांग्रेस नेता के कार्यक्रम में अभद्र नारेबाजी; सोशल मीडिया पर बवाल BIHAR NEWS : मुंगेर हादसा: रील्स बनाते समय बस से टकराई बाइक, दो किशोरों की मौत, एक गंभीर घायल World Record T20: खतरे में क्रिस गेल का विश्व रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा रनों के मामले में यह दिग्गज बनेगा नंबर 1 ROHTAS BIRTHDAY PARTY : RJD विधायक के घर बर्थडे पार्टी में महिला की मौत. परिवार बोला - MLA ने पूछा तक नहीं Bihar PDS shops : बिहार सरकार का बड़ा फैसला: PDS दुकानदारों का कमीशन 47 रुपए बढ़ा, अब जारी हुआ यह आदेश pm narendra modi : बिहार के सबसे बड़े बिजली घर बनने का रास्ता साफ, इस दिन PM मोदी करेंगे शिलान्यास Bihar News: बिहार में बिजली स्टोरेज को लेकर नई क्रांति, 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में शुरू हुआ काम Bihar News: छात्रा की मौत के बाद पटना पुलिस पर पत्थराव, सब-इंस्पेक्टर घायल; सड़क जाम
1st Bihar Published by: Updated Wed, 07 Dec 2022 08:11:25 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में शराब के नाम पर पिछले एक साल में लगभग 6 लाख पिछड़े, दलित औऱ गरीब तबके के लोगों को जेल भेज दिया गया. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने ये आंकड़े जारी करते हुए कहा है कि बिहार में कमजोर लोगों पर शराबबंदी कानून का कहर बरप रहा है. ऐसे में नीतीश कुमार को अपने शराबबंदी कानून की तत्काल समीक्षा करनी चाहिये.
सुशील मोदी ने कहा है कि सिर्फ इस साल के नवंबर महीने में 45 हजार से ज्यादा पिछड़ों, दलितों और गरीबों को शराब के नाम पर जेल भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि नवम्बर में रसूखदार और सरकारी कर्मचारी तो सिर्फ 739 पकडेह गए, जबकि गरीब और पिछड़ी जातियों के 6 लाख लोग हर साल जेल भेजे जा रहे हैं. नीतीश कुमार की शराबबंदी गरीबों पर भारी पड़ रही है.
उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में बिहार में तीन लाख लीटर से ज्यादा शराब बरामद हुआ है. खपत कितना गुणा ज्यादा हुआ होगा ये अनुमान कर पाना कठिन है. जाहिर है कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने में नीतीश सरकार पूरी तरह विफल रही है. सुशील मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी शराबबंदी के खिलाफ नहीं है लेकिन इसे लागू करने में सरकार विफल है. ऐसे में इसकी समीक्षा क्यों नहीं होनी चाहिए ?
उन्होंने कहा है कि नवंबर महीने में सिर्फ शराब पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने 1 लाख 28 हजार से ज्यादा छापामारी की. जाहिर है कि कानून-व्यवस्था और अपराध के दूसरे मामलों के लिए सरकारी तंत्र के पास समय नहीं है. सुशील मोदी ने कहा है कि शराब की होम डेलिवरी में हजारों लोग लगे हैं और सैकड़ों वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन एक महीने में होम डेलीवरी करने वाले 952 लोग ही पकड़े गए और सिर्फ 1469 वाहन जब्त हुए. उन्होंने कहा कि ये आंकड़े खुद सरकार के हैं और इससे पता चलता है कि पुलिस शराब माफिया के लोगों पर नरम और आम लोगों के प्रति सख्त होकर दोनों तरफ से वसूली में लगी है.
सुशील मोदी ने कहा कि यदि रोजाना 10 हजार लीटर और महीने में 3 लाख लीटर शराब जब्त की गई, तो इतनी शराब आ कहाँ से रही है? सरकार इसकी तस्करी रोक नहीं पा रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को 2016 की पूर्ण शराबबंदी नीति पर हठ छोड़कर तुरंत समीक्षा करनी चाहिए.