PATNA: बिहार में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई लेकिन सांतवे चरण की शिक्षक नियुक्ति की नियमावली पास नहीं हो पायी. पिछले डेढ़ महीने से शिक्षक नियुक्ति नियमावली पास होने की चर्चा हो रही है. वैसे, नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन भत्ते में वृद्धि करने का फैसला जरूर ले लिया गया।
विधानमंडल का सत्र होने के कारण सरकार ने आधिकारिक तौर पर ये नहीं बताया कि कैबिनेट की बैठक में क्या फैसले लिये गये. लेकिन सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन भत्ते में 25 से 30 हजार की वृद्धि करने का फैसला लिया गया है. बता दें कि चार महीने पहले ही सरकार ने विधायकों और विधान पार्षदों का वेतन भत्ता बढ़ाया था।
पिछले साल नवंबर महीने में नीतीश सरकार ने विधायकों-विधान पार्षदों के वेतन-भत्ते के साथ साथ पूर्व विधायकों को पेंशन और यात्रा भत्ते में भारी इजाफा किया था. नवंबर महीने में सरकार ने विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन भत्ते में लगभग 25 हजार महीने का इजाफा किया था. वहीं उन्हें सालाना चार लाख रूपये का रेलवे और हवाई यात्रा कूपन देने का भी फैसला लिया था. विधायकों औऱ विधान पार्षदों को गाडी खरीदने के लिए दी जाने वाली राशि में भी भारी इजाफा करते हुए उसे 25 लाख रूपये कर दिया गया था. अब एक बार फिर सरकार ने उन्हें तोहफा दिया है।
कैबिनेट की बैठक में आज कई और फैसले लिये गये. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर तैनात रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दीपक कुमार की सेवा बढ़ा दी गयी है. दीपक कुमार बिहार के मुख्य सचिव पद से रिटायर हुए थे. मार्च 2021 में रिटायरमेंट के बाद उन्हें मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया था. दीपक कुमार को राज्य मंत्री की सुविधा औऱ वेतन दिया जा रहा है।
शिक्षक नियोजन की फाइल अटकी
उधर, बिहार में सांतवे चरण की शिक्षक बहाली की फाइल फिर से अटक गयी. फरवरी की शुरूआत में ही बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि इस महीने में ही शिक्षक नियोजन की नयी नियमावली पास हो जायेगी. शिक्षा मंत्री ने फरवरी में फिर से ये एलान किया कि शिक्षक नियोजन की नियमावली पर उन्होंने साइन कर दिया है और कैबिनेट से पास हो जायेगा. लेकिन दो महीने बीतने को हैं और शिक्षक नियोजन की नियमावली पास नहीं हुई।