ब्रेकिंग न्यूज़

Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना

‘केस अगर कोर्ट के संज्ञान में है तो PMLA के तहत आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती ED’, सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्देश

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 May 2024 11:54:35 AM IST

‘केस अगर कोर्ट के संज्ञान में है तो PMLA के तहत आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती ED’, सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्देश

- फ़ोटो

DELHI: ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की जाने वाली गिरफ्तारियों को लेकर गुरुवार को एक अहम टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा है कि अगर स्पेशल कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत का संज्ञान लिया है तो ईडी पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के सेक्सन 19 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल कर आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। ऐसे मे गिरफ्तारी के लिए ईडी को स्पेशल कोर्ट में आवेदन देना होगा।


सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि ईडी ने आरोपी को जांच के दौरान अरेस्ट नहीं किया, उस पर बल के लिए पीएमएलए में दी गई कड़ी शर्तें लागू नहीं होंगी। अदालत ने कहा है कि जब कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद ऐसे आरोपी को समन जारी करे और वह पेश हो जाए, तो उसे बेल मिल जाएगी। धारा 45 में दी गई जमानत की दोहरी शर्त उस पर लागू नहीं होगी। चार्जशीट पेश करने के बाद अगर प्रवर्तन निदेशालय ऐसे आरोपी को गिरफ्तार करना चाहती है, तो उसे अदालत से अनुमति लेनी होगी।


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि, “अगर धारा 44 के तहत शिकायत के आधार पर PMLA की धारा 4 के तहत अपराध का संज्ञान लिया जा चुका है तब ED और उसके अधिकारी शिकायत में आरोपी बनाए गए व्यक्ति को अरेस्ट करने के लिए धारा 19 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। अगर ED आगे की जांच में आरोपी की कस्टडी चाहती है और आरोपी पहले ही समन जारी होने पर पेश हो चुका है तो ऐसे में ईडी को स्पेशल कोर्ट ,आरोपी की हिरासत मांगनी पड़ेगी। जिसके बाद आरोपी का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।