कुछ चुनिंदा पिछड़ी जातियों की संख्या ही क्यों घटी? सुशील मोदी ने जातीय गणना को लेकर सीएम नीतीश से पूछे ये सवाल

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 06 Nov 2023 06:59:28 PM IST

कुछ चुनिंदा पिछड़ी जातियों की संख्या ही क्यों घटी? सुशील मोदी ने जातीय गणना को लेकर सीएम नीतीश से पूछे ये सवाल

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PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार विधानसभा में बताएं कि चंद्रवंशी, धानुक, कुशवाहा जैसी कई पिछड़ी जातियों और ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा जैसी अगड़ी जातियों की आबादी कम कैसे हो गई? 


उन्होंने कहा कि 1931 की जातीय जनगणना और 2023 के जातीय सर्वे के अनुसार बिहार में यादवों की आबादी 12.7 फीसद से बढ़ कर 14.3 फीसद हो गई और मुस्लिम आबादी 14.6 से बढ़कर 17.7 फीसद हो गई, लेकिन दो दर्जन से ज्यादा अगड़ी-पिछड़ी जातियों की आबादी 92 साल में घट कैसे गई? मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। जो लोग केंद्रीय स्तर पर जातीय जनगणना के लिए व्याकुल हो रहे हैं, वे बतायें कि 2011में "किंग मेकर" लालू प्रसाद ने यूपीए सरकार पर दबाव डाल कर जातीय जनगणना क्यों नहीं करवा ली? 


सुशील मोदी ने कहा कि जो राहुल गांधी उस समय कैबिनेट से पारित विधेयक-प्रारूप की कॉपी फाड़ने की हैसियत रखते थे, उन्हें उस समय जातीय जनगणना करने का विचार क्यों नहीं आया? लालू प्रसाद और नीतीश कुमार कांग्रेस से पूछें कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पिछले पांच साल से सत्ता में रहने पर इन राज्यों में जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया गया? कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 2015 में 200 करोड़ रुपये खर्च कर जो जातीय सर्वे कराया, उसकी रिपोर्ट जारी क्यों नहीं हुई? 


बीजेपी सांसद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी के साथ सत्ता में रहते जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया? उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के नेताओं को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के समय जातीय जनगणना का विचार आ रहा है, जबकि बिहार में भाजपा के सरकार में रहते जातीय सर्वे कराने का निर्णय हुआ था।