BIHAR: बिजली टावर पर चढ़ा बुजुर्ग, हाईटेंशन तार पर लटकने के बाद खेत में गिरा, बाल-बाल बची जान Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा बिहार सरकार ने दिवाली की छुट्टी की तारीख बदली, अब इस दिन रहेगा सरकारी अवकाश
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 21 Dec 2024 11:29:13 PM IST
- फ़ोटो
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा का महत्वपूर्ण स्थान है, और कुछ देवियाँ ऐसे क्षेत्रीय स्तर पर पूजी जाती हैं जिनके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। ये देवियाँ अपनी विशिष्ट शक्तियों और गुणों के लिए पूजनीय हैं, लेकिन इनकी पूजा सीमित स्थानों तक ही सीमित रह गई है। यहाँ कुछ ऐसी देवियों के बारे में बताया जा रहा है जो विभिन्न स्थानों और परंपराओं में पूजनीय हैं:
1. कण्कि देवी:
कण्कि देवी का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है और इन्हें ज्ञान, शक्ति और संरक्षण की देवी माना जाता है। ये विशेष रूप से दक्षिण भारत में पूजी जाती हैं। भक्त इनकी पूजा करके सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
2. खोडियार माता:
खोडियार माता गुजरात और राजस्थान में अत्यधिक पूजी जाती हैं और जल की देवी के रूप में जानी जाती हैं। ये देवी अपने भक्तों को हर प्रकार की विपत्ति से बचाने और उनकी रक्षा करने वाली मानी जाती हैं। उनका प्रमुख मंदिर सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है, जो एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।
3. खिमज माता:
खिमज माता राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पूजनीय हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से खेती और मौसम से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए की जाती है। यह देवी गांवों के परिवारों की रक्षा करने वाली मानी जाती हैं।
4. कमलात्मिका देवी:
कमलात्मिका देवी को धन, सौंदर्य और ज्ञान की देवी माना जाता है और इनका तांत्रिक परंपराओं से गहरा संबंध है। इनकी पूजा विशेष रूप से कमल के फूलों से की जाती है और ये साधकों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
5. कात्यायनी देवी:
कात्यायनी देवी को दुर्गा के छठे स्वरूप के रूप में पूजा जाता है और विशेष रूप से नवदुर्गा पर्व के दौरान इनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इनकी पूजा से विवाह और परिवार से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है।
6. कूष्मांडा देवी:
कूष्मांडा देवी को सृष्टि की रचनाकार देवी माना जाता है और ये नवदुर्गा के चौथे स्वरूप हैं। कहा जाता है कि इनकी मुस्कान से ही ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। इनकी पूजा विशेष रूप से नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है।
इन देवियों के बारे में कम जानकारी क्यों है?
इन देवियों की पूजा आमतौर पर सीमित क्षेत्रीय दायरे तक ही सीमित रही है, और इनके बारे में जानकारी लोककथाओं या पीढ़ी-दर-पीढ़ी के माध्यम से फैलती रही है। समय के साथ, इन देवियों के मंदिरों और पूजा विधियों का प्रचार-प्रसार कम हुआ है, जिसके कारण आजकल इनके बारे में जागरूकता घट गई है।
इन देवियों के बारे में जानना न केवल हिंदू धर्म की गहराई को समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हिंदू धर्म में हर देवी और देवता का अपना अलग महत्व और स्थान है। इनकी पूजा हमें उनके विशेष गुणों और शक्तियों का सम्मान करने की प्रेरणा देती है।