क्या यही शराबबंदी है? पेट्रोल के टैंकर से 10 लाख की विदेशी शराब बरामद झारखंड में रेल हादसा: दीवार तोड़ खड़ी ट्रेन से टकराई मालगाड़ी, मची अफरा-तफरी Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar News: बिहार में वोटिंग के बाद पुलिस का फ्लैग मार्च, जिला प्रशासन ने आम लोगों से की यह अपील Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के खिलाफ केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? पटना में गोल इंटरनेशनल स्कूल का भव्य शुभारंभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नए युग की शुरुआत Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट Air India Express bomb threat: एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में बम की धमकी, विमान की कराई गई इमरजेंसी लैंडिग; एयरपोर्ट पर अलर्ट अरवल में DM अभिलाषा शर्मा ने मतगणना केन्द्र का किया निरीक्षण, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था का भी लिया जायजा
1st Bihar Published by: Updated Fri, 11 Mar 2022 03:47:17 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : विधानपरिषद में आज शिक्षकों के वेतन और पेंशन का मुद्दा उठा. जेडीयू एमएलसी डा. संजीव कुमार सिंह सदन में कहा कि कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना और वेतनमान लागू किया है. लिहाजा राज्य सरकार को भी स्वास्थ्य, बीमा और पेंशन सुविधा देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी भी विपदा में सरकार शिक्षकों को ही खोजती है. कोरोना में भी सारे क्वारंटीन सेंटर शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे.
इस पर राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पंचायती राज व नगर निकायों से बहाल शिक्षकों को राज्य कर्मियों के समान सुविधा और लाभ देने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. इन्हें ईपीएफ से कवर किया गया है. साथ ही उच्चतम न्यायालय में भी इस मामले पर विचार विमर्श हो चुका है.
मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण को ध्यान में रख शिक्षकों को एक सितंबर 2020 से राज्य सरकार ने ईपीएफ स्कीम से कवर किया गया है. इसके लिए प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय तक कार्यरत शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष के मासिक परिलब्धियों अन्तर्गत 15000 रुपये प्रति माह के वेतन की राशि पर राज्य सरकार अपना अंशदान 13 (12+1) प्रतिशत देगी. इन्हें नियत वेतन से निकालकर 11 अगस्त 2015 को अनुशंसित वेतनमान दिया. साथ ही राज्य सरकार के कर्मियों के अनुरूप घोषित महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, मकान किराया भत्ता और देय वार्षिक वेतन वृद्धि स्वीकृत की गई.
वर्तमान वेतन संरचना में सुधार करने के उद्देश्य से उनको पहली अप्रैल, 2021 को देय वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि करने का निर्णय लिया गया. इन शिक्षकों के वेतनमान एवं सेवाशर्त पर सर्वोच्च न्यायालय न्यायादेश पारित करते हुए यह स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के अधिकार का हनन नहीं किया है. साथ ही शिक्षकों को पूर्व के सहायक शिक्षकों (जिनका संवर्ग मरणशील है) के समरूप वेतनमान एवं सेवाशर्त का दावा न्यायादेश के आलोक में मान्य नहीं है.