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1st Bihar Published by: Updated Fri, 14 Oct 2022 03:06:49 PM IST
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BETTIAH : जन सुराज यात्रा पर निकले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 3500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के 100 किमी पूरे कर लिए हैं। सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी करने का बाद प्रशांत किशोर ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया है कि अभी तक की उनकी पदयात्रा में जो समस्याएं सामने आई हैं उसमे पलायन, ग्रामीण सड़कों की बदहाली और बिजली बिल से जुड़ी समस्या सबसे अधिक देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि रोजगार नहीं मिलने के कारण बिहार के युवाओं की बड़ी आबादी पलायन कर चुकी है, गांवों में सिर्फ महिला, बुजुर्ग और बच्चे रह गए हैं। वहीं उन्होंने ग्रामीण सड़कों की बदहाली को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों के बीच सरकार सिर्फ भ्रम फैला रही है कि बिहार की सड़कें चकाचक हो गई हैं लेकिन सच्चाई यही है कि आज ग्रामीण सड़कों की हालत वैसी हो गई है जो कभी लालू प्रसाद के शासनकाल में हुआ करती थीं।
प्रशांत किशोर ने बताया कि जन सुराज यात्रा के दौरान लोगों की बहुत सारी समस्याएं सामने आ रही हैं। पदयात्रा को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। प्रशांत किशोर ने बताया कि पदयात्रा के दौरान लोगों से जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं उसे संकलित किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में अगर जन सुराज को मौका मिलता है तो उन समस्याओं को दूर करने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि पदयात्रा खत्म होने के बाद बिहार के विकास के लिए जो दस महत्वपूर्ण पहलू हैं। शिक्षा, स्वास्थ, कृषि समेत ऐसे दस महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 10 साल का एक विजन डॉक्यूमेंट बनाया जाना है। ताकि जन सुराज के पास अगर कभी कोई अवसर आता है तो जन सुराज के लोगों को यह पता होगा कि किस पंचायत में कौन सा काम करना है और किन लोगों को साथ में लेकर चलना है।
उन्होंने कहा कि अभी तक की पदयात्रा के दौरान जो बात सामने आई है उसमें यह देखने को मिल रहा है कि गांवों में काम करने वाले पुरुषों की संख्या काफी कम हो गई है। गांवों में या तो बड़ी संख्या में महिलाएं मिल रही हैं या छोटे बच्चे और बुजुर्ग। गांवों में बड़ी संख्या में युवा काम करने के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन कर चुके हैं। वहीं बिहार में ग्रामीण सड़कों की हालत बहुत ही ज्यादा खराब हो चुकी है। लोगों के बीच को भ्रम बना है कि नीतीश कुमार के शासनकाल में बिहार की सड़कें बन गई हैं, लेकिन ऐसी बात बिल्कुल ही नहीं है। ग्रामीण सड़कों की हालत अब वैसी ही हो गई हैं जब लालू प्रसाद के जमाने में होती थीं।वहीं बिजली बिल की समस्या को लेकर भी शिकायतों का अंबार देखने को मिल रहा है।
वहीं चर्चित बलथर प्रकरण पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए प्रशासन और ग्रामीणों के बीच में जो डर का माहौल है उसे प्राथमिकता के आधार पर खत्म करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इस मामले से जुड़े 700-800 पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलने के बाद उन्होंने सुझाव दिया है कि सभी परिवार मिलकर एक समिति बनाएं और अपने प्रतिनिधि चुने। इसके बाद प्रशासन और ग्रामीणों के बीच मध्यस्थता का रास्ता निकले और दोबारा ग्रामीण और प्रशासन के बीच विश्वास कायम हो सके। उन्होंने कहा कि मामले में जो लोग भी दोषी हैं उन्हे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
जन सुराज पदयात्रा के लिए पैसा कहां से आ रहा है, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 10 सालों में उन्होंने जिन नेताओं और दलों के लिए काम किया, जिनके भी जीत में अपना कंधा लगाया, वे सभी लोग बिहार में हो रहे इस नए प्रयोग में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा क्राउड फंडिंग के लिए भी एक बड़ी व्यवस्था खड़ी कर रहे हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी क्राउड फंडिंग की व्यवस्था होगी और जो भी लोग इसमें अपना आर्थिक योगदान देना चाहते हैं वो दे सकेंगे। जनता के सहयोग से ही जन सुराज अभियान को आगे ले जाने का प्रयास है।