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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले JDU को बड़ा झटका, पूरी जिला कमेटी ने एकसाथ दिया इस्तीफा; इतनी नाराजगी क्यों?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जेडीयू को बड़ा झटका लगा है। औरंगाबाद जिले की पूरी जदयू जिला कमेटी ने प्रत्याशी चयन को लेकर सामूहिक इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद जिले की राजनीति में हड़कंप मच गया है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 19 Oct 2025 05:40:12 PM IST

Bihar Election 2025

- फ़ोटो Reporter

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जदयू को बड़ा झटका लगा है। पार्टी की पूरी औरंगाबाद जिला कमिटी ने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद औरंगाबाद जदयू में भूचाल आ गया है। इस बीच पार्टी ने संभावित नुकसान की भरपाई के लिए पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह को कार्यकारी जिलाध्यक्ष मनोनीत किया है।


इस्तीफे के बाद जदयू जिलाध्यक्ष रहे पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह ने रविवार को प्रेसवार्ता में कहा कि रफीगंज विधानसभा सीट ने पार्टी ने वैसे व्यक्ति को प्रत्याशी बनाया है, जो जदयू के प्राथमिक सदस्य भी नही है। यदि पार्टी जदयू के किसी नेता को टिकट देती या एनडीए गठबंधन के किसी दूसरे घटक दल के नेता को टिकट दे दिया जाता तो हमारे कार्यकर्ता आहत नही होते लेकिन इस तरह की विकट स्थिति उत्पन्न हो जाने से कार्यकर्ताओं की भावना आहत हुई। इसी वजह से कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान करते हुए मेरे समेत जदयू की पूरी जिला कमिटी के सभी पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि हम सभी जदयू में बने रहेंगे और रफीगंज विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर औरंगाबाद जिले के शेष सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे। 


पूर्व विधायक ने कहा कि 2009 में मैंने जब अपने पिता पूर्व विधायक रामाधार सिंह की मौजूदगी में जदयू ज्वाइन किया था, तब मेरे पिता ने नीतीश कुमार को आश्वस्त किया था कि मेरा बेटा आजीवन उनके साथ रहेगा। कहा कि मैं अपने पिता द्वारा दिए गए वचन पर आज भी कायम हूं और शमशान घाट तक नीतीश कुमार के साथ रहूंगा। उन्होने स्पष्ट किया कि मैंने पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नही। आज भी पार्टी का मैं समर्पित सिपाही हूं और कल भी रहूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया। 2010 और 2015 में टिकट देकर विधायक बनाया। 2020 में भी पार्टी ने मुझे टिकट दिया लेकिन उसी उम्मीदवार के कारण मुझे हारना पड़ा, जिसे पार्टी ने आज टिकट दे दिया है।


पूर्व विधायक ने रफीगंज से अभी के जदयू प्रत्याशी का नाम लिए बिना कहा कि जिस व्यक्ति ने जदयू का झंडा फूंकने का काम किया है, जिसने हमारे नेता नीतीश कुमार को गाली देने का काम किया है, वह आदमी पार्टी का प्रत्याशी बन गया है। यह कार्यकर्ताओं को मंजूर नही है। इससे कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा है। हमारे कार्यकर्ता बेहद आहत है। इसी वजह से कार्यकर्ताओं की भावना की कद्र करते हुए पूरी जिला कमिटी के सभी पदाधिकारियों ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।                


पूर्व विधायक ने कहा कि जदयू जिलाध्यक्ष के रूप में उन्होने पार्टी संगठन को घर-घर तक पहुंचाया। पार्टी में गुटबाजी को समाप्त कराया और पूरे जिले में हर बूथ तक पार्टी का बीएलए-2 बनाया। पद से इस्तीफा देने के बाद भी पार्टी के लिए पूरी तरह समर्पित हूं और रफीगंज को छोड़ कर जिले के शेष सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए काम करूंगा।                    


उन्होंने कहा कि जदयू प्रत्याशी बनने वाले व्यक्ति सामान्य शिष्टाचार तक भूल गए। मुझे छोटा भाई कहने वाले बड़े भाई ने मुझसे मिलना तक मुनासिब नही समझा। दल का जिलाध्यक्ष होने के नाते उन्हे मुझसे कम से कम मोबाइल पर भी तो बात करनी चाहिए था, लेकिन उन्होने ऐसा नही किया। जिला संगठन के किसी पदाधिकारी से बात करने के बजाय उन्होने सीधा नामांकन कर दिया। कहा कि संगठन इन्ही सब कामों के लिए होता है। संगठन में सबको साथ लेकर चलना होता है लेकिन उस व्यक्ति को संगठन से कोई मतलब नही है। उन्हे मतलब सिर्फ संगठन के टिकट से रहा।


इस बीच जदयू की प्रदेश कमिटी ने पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह को कार्यकारी जिलाध्यक्ष मनोनीत किया है। मनोनयन के बाद कार्यकारी जिलाध्यक्ष ने कहा कि रूठों को मना कर संगठन चलाना ज़िलाध्यक्ष की जिम्मेवारी होती है। इस जिम्मेंवारी को निभाउंगा। रूठों को मनाऊंगा और जरूरत पड़ी तो पार्टी के नए-पुराने लोगों को जिम्मेंवारी देकर संगठन को आगे बढ़ाने का काम करूंगा। वहीं रफीगंज से जदयू प्रत्याशी बने प्रमोद सिंह ने कहा कि अशोक सिंह छोटे भाई है। मान जाएंगे, उन्हे मना भी लूंगा। कहा कि राजनीति में ऐसी छोटी-छोटी चीजें होती रहती है। कोई रूठता है तो उसे मनाया भी जाता है, वें भी मान जाएंगे।