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बेगूसराय के लाल को अंतिम विदाई, शहीद सुजीत का पार्थिव शरीर मोकामा पहुंचते ही लगे भारत माता के जयकारे

ग्रामीणों ने बताया कि सुजीत कुमार बेहद मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। उनकी शहादत से जहां एक ओर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, वहीं दूसरी ओर यह गर्व का क्षण भी है कि हमारे गांव के एक सपूत ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 06 May 2025 07:20:59 PM IST

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बिहार के लाल को अंतिम विदाई - फ़ोटो google

BEGUSARAI: देश की रक्षा करते हुए जम्मू-कश्मीर में पठानकोट से श्रीनगर ड्यूटी पर जाने के दौरान शहीद हुए जवान सुजीत कुमार का पार्थिव शरीर आज बिहार पहुंचा। शहीद सुजीत मूलरूप से बेगूसराय जिले के चकिया थाना क्षेत्र के अमरपुर वार्ड संख्या 5 के रहने वाले थे। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर मोकामा के औंटा स्थित जीरो माइल पहुंचा, वहां “भारत माता की जय” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।


तिरंगा लेकर निकली बाइक रैली, उमड़ा जनसैलाब

शहीद के पार्थिव शरीर आने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, परिजन और प्रशासनिक अधिकारी मोकामा पहुंचे। ग्रामीणों ने हाथों में तिरंगा थामकर एक किलोमीटर लंबी बाइक रैली निकाली और पूरे इलाके को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। शहीद के सम्मान में चारों ओर माहौल गर्व और गम से भरा था।


सिमरिया घाट पर होगा अंतिम संस्कार, मिलेगा राजकीय सम्मान

शहीद की अंतिम यात्रा उनके पैतृक गांव से होते हुए सिमरिया गंगा तट तक पहुंची, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। चकिया थाना अध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि अंतिम यात्रा के दौरान पूरे प्रशासनिक प्रोटोकॉल और सम्मान का पालन किया गया है। ग्रामीणों का कहना था कि बिहार के लाल के जाने का दुख तो है ही साथ ही उनके ऊपर गर्व है कि देश की सेवा करते हुए उन्होंने अपने प्राण त्याग दिये। 


स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि सुजीत कुमार बेहद मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे। उनकी शहादत से जहां एक ओर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है, वहीं दूसरी ओर यह गर्व का क्षण भी है कि हमारे गांव के एक सपूत ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।


नम आंखों से दी गई विदाई 

शहीद सुजीत कुमार के मित्र राकेश कुमार सिंह ने कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना है। सुजीत मेरे अच्छे मित्र थे। उनकी शहादत न सिर्फ पंचायत बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।” वहीं किशोर कुमार ने बताया कि गांव के सैकड़ों लोग एकजुट होकर जीरो माइल शहीद जवान को अंतिम विदाई देने पहुंचे हैं। 


बता दें कि 4 मई रविवार को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में सेना की बस 600 मीटर गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 3 जवानों की मौत हो गयी थी। मृतक की पहचान अमित, सुजीत और मन बहादुर के रूप में हुई है। इनमें से एक शहीद जवान बेगूसराय का लाल सुजीत कुमार है, जो चकिया थाना क्षेत्र के अमरपुर वार्ड संख्या 5 के रहने वाले थे।


शहीद सुजीत कुमार पठानकोट में जॉइंट कमिश्नर ऑफिसर के पद पर तैनात थे। उनके परिवार में पत्नी सिंधु देवी, तीन बच्चों में एक बेटा और दो बेटियां हैं। उनकी एक बेटी संध्या कुमारी पटना में सेना में जाने के लिए एनडीए की तैयारी कर रही है। सुजीत कुमार के परिवार में तीन बहनें और चार भाई हैं। सुजीत दूसरे नंबर पर थे। उन्होंने 2001 में आर्मी में सिपाही के पद पर नौकरी शुरू की थी।


शहीद सुजीत की शादी 2004 में हुई थी। उनके पिता झपस राय रेल कर्मी थे। जो 6 साल पहले रिटायर हो गए हैं। परिजनों ने बताया कि शहीद जवान सुजीत कुमार का डेड बॉडी मंगलवार को पैतृक गांव पहुंची। जहां परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को विदाई दी। यह घटना अत्यंत दुखद है और देश के लिए एक बड़ा नुकसान है। 


शहीद सुजीत कुमार की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार के प्रति लोग संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। इस घटना की सूचना मिलते ही इलाके में मातम का माहौल है। लोग इस घटना पर दुख प्रकट कर रहे हैं और पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर पर पहुंच रहे हैं।