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Bihar News: यह सिस्टम की मार है! प्रशासनिक दबाव और बढ़ते कार्यभार ने ले ली शिक्षक की जान, ब्रेन हेमरेज से हुई मौत

Bihar News: बिहार के कटिहार में एक शिक्षक की ब्रेन हेमरेज से मौत हुई, जिसे प्रशासनिक दबाव और काम के अधिक बोझ से जोड़ा जा रहा है। परिजन और शिक्षक संघ ने इस घटना को गंभीर माना है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 01 Aug 2025 09:16:11 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार के कटिहार से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां प्रखंड मियाटोला हाजीपुर में कार्यरत शिक्षक सत्यजीत कुमार सिंह का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया। परंतु यह केवल एक मेडिकल मामला नहीं है, बल्कि इस घटना के पीछे प्रशासनिक दबाव और अत्यधिक कार्यभार को मुख्य कारण माना जा रहा है। सत्यजीत कुमार सिंह बीएलओ सुपरवाइजर के तौर पर बूथ संख्या 57 से 64 तक मतदाता सत्यापन की जिम्मेदारी निभा रहे थे। 


परिजनों ने बताया है कि वे लगातार मानसिक तनाव और दबाव में थे। 28 जुलाई को ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।


उनके परिवार ने इस घटना को "सिस्टम की मार" करार दिया है और कहा है कि एक जिम्मेदार शिक्षक को इतना दबाव सहना पड़ा कि उसकी जान चली गई। इस दुखद घटना के बाद बिहार शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष ने भी प्रशासन की इस नीति और रवैये पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ गैर-शैक्षणिक कार्यों का इतना बोझ डाला जा रहा है कि उनकी जान को खतरा पैदा हो रहा है। 


बता दें कि सत्यजीत जी की मौत इस समस्या का जीवंत प्रमाण है। शिक्षक संघ ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, मृतक शिक्षक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए, और शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्यों का दबाव तुरंत हटाया जाए।


यह मामला न केवल कटिहार बल्कि पूरे बिहार के शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर चेतावनी है। शिक्षकों का मूल कर्तव्य शिक्षा देना है, लेकिन अब वे इतना अधिक दबाव और जिम्मेदारी के बोझ तले दबे हुए हैं कि उनका स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ गया है। प्रशासनिक स्तर पर इस समस्या को जल्द से जल्द समझना और सुधारना अत्यंत आवश्यक हो गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं पुन न हों और शिक्षक वर्ग को उनकी असली भूमिका निभाने का अवसर मिल सके। शिक्षकों के प्रति सम्मान और उनके कार्यों की उचित मान्यता ही शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाएगी और प्रदेश के भविष्य को उज्जवल करेगी।

कटिहार से सोनू चौधरी की रिपोर्ट