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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 25 Jul 2025 01:13:20 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: मुजफ्फरपुर शहर में बारिश की कमी के कारण भूजल स्तर 50 से 60 फीट तक गिर गया है। जिस वजह से यहाँ पेयजल संकट गहरा गया है। शहर के कई इलाकों में चापाकल और सबमर्सिबल पंप पानी खींचने में नाकाम हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के लिए भारी परेशानी खड़ी हो गई है। बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसे क्षेत्रों कच्ची पक्की, इंद्रा कॉलोनी, मझौली धर्मदास, अतरदह, सत्संग गली, बजरंग नगर और रामदयालू में भी स्थिति गंभीर है। अब नगर निगम टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति कर रहा है लेकिन यह अपर्याप्त साबित हो रहा है। साथ ही लोगों से जल संरक्षण के लिए सोख्ता (रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम) बनाने की अपील भी की जा रही है।
नगर निगम की अप्रैल की भूजल स्तर मापी के अनुसार मिठनपुरा में जल स्तर 50 फीट, चंदवारा और पक्की सराय में 53 फीट, सादपुरा में 55 फीट और खबरा में 50 फीट नीचे था। दो महीने बाद बारिश की कमी के कारण जल स्तर और 5-10 फीट नीचे चला गया है। मारवाड़ी आई स्कूल, अखाड़ाघाट, चंदवारा, ब्रह्मपुरा जैसे निगम द्वारा संचालित आधा दर्जन पंप अपनी पूरी क्षमता से पानी नहीं दे पा रहे हैं। इससे शहर के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में पानी की किल्लत बढ़ गई है।
नगर निगम जल कार्य शाखा के प्रभारी उपेंद्र कुमार सिंह ने इस बारे में बात करते हुए बताया है कि सभी पंप कार्यरत हैं लेकिन भूजल स्तर की कमी के कारण कई पंप पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे। इससे सबमर्सिबल पंपों की डिस्चार्ज क्षमता प्रभावित हुई है और दूर-दराज के इलाकों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। निगम प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों से पानी पहुंचा रहा है लेकिन वार्ड 31 की पार्षद ने बताया है कि एक टैंकर से सभी निवासियों की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही हैं। विशेषकर कच्ची पक्की, इंद्रा कॉलोनी, बजरंग नगर और रामदयालू रोड में लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं।
इस जिले में अब भूजल संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक उपायों की जरूरत है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि अटल भूजल योजना और जल शक्ति अभियान जैसे केंद्रीय कार्यक्रमों को स्थानीय स्तर पर लागू किया जाए। इसके तहत भूजल रिचार्ज के लिए वर्षा जल संचयन, तालाबों का पुनर्जनन और ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों को बढ़ावा देना होगा। नगर निगम ने भी जल कार्य शाखा को प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त टैंकर भेजने का निर्देश दिया है। स्थानीय लोग और प्रशासन दोनों को मिलकर जल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे वरना आने वाले समय में यह संकट और भी गहरा सकता है।