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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 06 Jun 2025 07:11:31 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Pink Bus in Bihar: परिवहन विभाग आने वाले दिनों में 80 नई सीएनजी पिंक बसें शुरू करने जा रहा है। विभागीय स्तर पर इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। अभी पांच जिलों पटना, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया एवं दरभंगा में सिर्फ महिलाओं के लिए गुलाबी रंग की 20 बसें मई महीने में चल रही हैं।
फिलहाल बिहार के भागलपुर, गया, पूर्णिया और दरभंगा में दो-दो बसें और मुजफ्फरपुर में चार बसें चल रही हैं। पिंक बस का मासिक पास बनवाने के लिए महिला को अपना आधार कार्ड, कॉलेज या स्कूल की आईडी और अपना मोबाइल नंबर बांकीपुर या फुलवारी स्थित बीएसआरटीसी के कार्यालय को उपलब्ध कराना होता है।
लड़कियां बिना परेशानी पहुंच रहीं कॉलेज
पटना में चल रही पिंक बस से रोजाना सुबह खुशी अपने घर भूतनाथ रोड से पटना वीमेंस कॉलेज तक आती हैं। जब उनसे इसकी यात्रा के बारे में पूछा गया, तो खुशी ने पूरी सुकून के साथ कहा कि यह बस मेरी जैसी छात्राओं के लिए बेहद सुरक्षित और आरामदायक है। ऑटो और ई-रिक्शा में बैठने में कई तरह की असुविधाएं होती थी। इस बस में कैमरा और जीपीएस होने से सभी चिंताओं से मुक्त होकर यात्रा कर सकते हैं। खुशी की तरह इस बस में सफर करने वाली ज्योत्सना, सौम्या, अनिशा मेहरीन समेत अन्य कई महिलाएं इसका रोजाना लुफ्त उठाती हैं और रोजाना अपने घर से गंतव्य तक की सुरक्षित यात्रा करती हैं।
महिला कंडक्टरों की आर्थिक मजबूती
पिंक बसों में सफर करने वाली महिलाओं की सुविधा और सहूलियत का ध्यान रखते हुए कंडक्टर की कमान भी महिलाओं को ही सौंपी गई है इन महिला कन्डक्टरों की तैनाती समाज को यह संदेश भी दे रहा है कि अब बिहार की महिलाएं खुद को सशक्त करते हुए अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत भी कर रही हैं। पटना में 16 महिलाओं को बस कंडक्टर के तौर पर जोड़ा गया है। इसी तरह गया और भागलपुर में चार-चार महिला कंडक्टरों को पिंक बस की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पटना की एक पिंक बस की महिला कंडक्टर संजू कुमारी बताती हैं कि रोजाना कई महिलाओं से मिलना-जुलना हो जाता है। साथ बैठकर हमारी कुछ बातें भी हो जाती हैं। इनके बीच अपनापन सा लगता है। सुरभि ने बताया कि इन बसों का किराया भी अन्य से काफी कम है। सचिवालय में काम करने वाली जूही गांधी मैदान थाना से बस में सवार हुई थी। वह बताती हैं कि इससे एकदम बेफिक्र होकर हंसते-मुस्कुराते सफर कर रही हूं। बस की आखिरी सीट पर बैठी बिहार पुलिस की महिला सिपाही ज्योत्सना अपनी ड्यूटी से लौट रहीं हैं। वह मुस्कुराते हुए बताती हैं कि मैं दूसरे राज्य से बिहार आई हूं। यहां आने से पहले महिला सुरक्षा को लेकर मेरे मन में कई सवाल थे, लेकिन यहां का माहौल अब मुझे सुरक्षा और नारी सम्मान का अहसास कराता है।