Atal Pension Yojna New Rule: बदल गया अटल पेंशन योजना का नियम, क्या आपने भी नहीं किया अपडेट; यहां देखें डिटेल Law and Order: चुनाव की घोषणा के बाद प्रशासन ने उठाया सख्त कदम, अब बिना अनुमति नहीं कर सकते यह काम BIHAR ELECTION : बिहार चुनाव को लेकर सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू, 1800 कंपनियों के जिम्मे होगी सुरक्षा की कमान Bollywood Web Series Controversy: शाहरुख खान, गौरी खान, रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, जानिए.. क्या है आरोप? Bollywood Web Series Controversy: शाहरुख खान, गौरी खान, रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, जानिए.. क्या है आरोप? Skin Care Before Diwali: दिवाली सफाई के बीच कैसे बचाएं अपनी स्किन? जानिए आसान घरेलू उपाय Patna news: पटना एयरपोर्ट पर पकड़ी गई संदिग्ध महिला, बैग से मिली ऐसी चीज; देखकर दंग रह गए CISF के जवान Patna news: पटना एयरपोर्ट पर पकड़ी गई संदिग्ध महिला, बैग से मिली ऐसी चीज; देखकर दंग रह गए CISF के जवान PATNA METRO : पटना मेट्रो सेवा शुरू: पहले दिन 5 हजार यात्रियों ने लिया सफर, जानिए कितनी हुई आमदनी Karwa Chauth 2025: इन सामग्री के बिना अधूरी रह जाती है करवा चौथ की पूजा, जानें कब दिखेगा चांद?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 28 Jul 2025 09:17:31 PM IST
सरकार ने की कार्रवाई - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
PATNA: पटना के मसौढ़ी अंचल से संबंधित ‘डॉग बाबू’ के नाम से एक आवास प्रमाण-पत्र जारी करने के मामले में पटना जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक अधिकारी के निलंबन की अनुशंसा की है, वहीं एक अन्य कर्मी को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने पटना जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
शुरुआती जांच में पता चला है कि दिल्ली की एक महिला के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर विगत 15 जुलाई को ऑनलाइन आवेदन किया गया था। आवेदन में दिए गए कागजातों का बिना सत्यापन किए ही आवास प्रमाण-पत्र जारी कर दिया गया। जांच रिपोर्ट में आईटी सहायक और राजस्व अधिकारी, दोनों को दोषी पाया गया है। इन पर गलत डिजिटल हस्ताक्षर करने और नियमों की अनदेखी करने का भी आरोप है। इसके अलावा जिस व्यक्ति की पहचान पत्र का दुरुपयोग किया गया है, वह भी जांच के दायरे में है।
इस मामले की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए। इस मामले में राजस्व अधिकारी मुरारी चौहान को निलंबित करने की अनुशंसा जिलाधिकारी ने कर दी है। वहीं, आईटी सहायक को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा अज्ञात आवेदक और दोनों अधिकारियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2), 336(3), 338 और 340(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
फिलहाल यह मामला पुलिस अनुसंधान में है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ‘डॉग बाबू’ के आवास प्रमाण-पत्र को रद्द कर दिया गया है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने सभी जिला पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि NIC के सर्विस प्लस पोर्टल पर दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया का कड़ाई से पालन किया जाए। साथ ही जल्द ही इस पोर्टल पर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद लेने की बाट कही गई है ताकि आगे किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। यह मामला न केवल सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बिहार सरकार अब डिजिटल धोखाधड़ी पर कड़ी नजर रखे हुए है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।