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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 06 May 2025 08:24:03 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Land Survey: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अभियान बसेरा-दो में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सोमवार को एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक में इस अभियान के सर्वेक्षण में लापरवाही और गलत सूचना एकत्र करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। समीक्षा में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि 52% सर्वेक्षित परिवार जमीन आवंटन के लिए योग्य नहीं पाए गए हैं।
अभियान बसेरा-दो बिहार सरकार की एक योजना है, जिसके तहत भूमिहीन परिवारों को पांच डिसमिल तक जमीन दी जाती है ताकि वे अपना घर बना सकें। यह योजना उन लोगों को स्थायी आवास देने के लिए शुरू की गई थी जो बेघर हैं या सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहे हैं। इस अभियान का पहला चरण पहले ही पूरा हो चुका है, और दूसरा चरण चल रहा है।
जय सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के अपर समाहर्ताओं के साथ समीक्षा की। इसमें अभियान बसेरा-दो, सरकारी भूमि का सत्यापन, दाखिल-खारिज, और लगान वसूली की स्थिति की जांच की गई। इस सर्वे में शामिल 52% परिवारों को जमीन आवंटन के लिए योग्य नहीं पाया गया। यह सवाल उठाता है कि क्या सर्वे सही तरीके से किया गया, या इसमें जानबूझकर गड़बड़ी की गई।
खुलासे के बाद जय सिंह ने लापरवाही और गलत सूचना देने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए जांच का आदेश दिया। खराब प्रदर्शन वाले जिलों अरवल, बांका, भागलपुर, जमुई, जहानाबाद, पटना, शेखपुरा से स्पष्टीकरण मांगा गया। वहीं, सरकारी जमीन के दाखिल-खारिज में भी देरी पाई गई। 13 जिलों में यह प्रक्रिया अभी शुरू ही नहीं हुई है।
इसके अलावा नालंदा, नवादा, और रोहतास जिलों को सरकारी जमीन के सत्यापन में अच्छे काम के लिए सराहा गया, जबकि खगड़िया, पटना, गोपालगंज, और पूर्वी चंपारण में लगान वसूली की धीमी गति पर नाराजगी जताई गई। जय सिंह ने साफ किया कि इस गड़बड़ी की जांच होगी और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अरवल, बांका, भागलपुर, जमुई, जहानाबाद, पटना, और शेखपुरा को मिशन मोड में काम करने का निर्देश दिया। साथ ही, दाखिल-खारिज को प्राथमिकता देने और रैंकिंग के आधार पर प्रदर्शन सुधारने को भी कहा।