शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 15 Apr 2025 07:14:28 PM IST
- फ़ोटो google
Bihar News: बिहार के विकास की रफ्तार लगातार जारी है। मेडिसीन के क्षेत्र में बिहार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। देशभर के सभी राज्यों को पछाड़कर बिहार पूरे देश में अव्वल राज्य बन गया है। बिहार ने पिछले दो दशक में मेडिसीन के क्षेत्र में काफी सफलता हासिल की है।
दरअसल, बिहार बना मुफ्त दवा आपूर्ति में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर वर्ष 2005 में स्वास्थ्य सुधार की एक नई दिशा की शुरुआत हुई थी। इस महत्वपूर्ण कदम ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को व्यापक रूप से सुदृढ़ किया और मुफ्त दवा नीति को नई मजबूती प्रदान की।
आज बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन चुका है जो 611 प्रकार की औषधियां मरीजों को बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराता है। इन दवाओं में कैंसर, हृदय रोग, वायरल संक्रमण सहित सभी प्रमुख बीमारियों की औषधियां शामिल हैं।
राज्य सरकार के प्रयासों का प्रभाव साफ नजर आता है। पिछले 20 वर्षों में सरकारी अस्पतालों से दवा आपूर्ति में 10 गुणा वृद्धि दर्ज की गई है। बीते 5 वर्षों में मुफ्त दवा नीति के तहत दवा आपूर्ति और वितरण पर खर्च 10 गुणा तक बढ़ा है। जहां पहले यह खर्च सीमित था, वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर लगभग 762 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह खर्च 1100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह स्वास्थ्य सेवाओं में हुए गुणवत्तापूर्ण सुधार का प्रमाण है। वर्ष 2005 से पहले जहां सरकारी अस्पतालों में जीवनरक्षक दवाएं उपलब्ध नहीं थीं, वहीं अब मरीजों को ये दवाएं मुफ्त मिल रही हैं, जिससे खासतौर पर गरीब तबके को आर्थिक राहत मिली है।
केंद्र सरकार के डीवीडीएमएस (Drugs and Vaccine Distribution Management System) पोर्टल के अनुसार, बिहार लगातार पांचवें महीने देश में दवा आपूर्ति और वितरण के क्षेत्र में पहले स्थान पर बना हुआ है। यह उपलब्धि राज्य सरकार की स्वास्थ्य सुधार के प्रति सशक्त प्रतिबद्धता को दर्शाती है।