Atal Pension Yojna New Rule: बदल गया अटल पेंशन योजना का नियम, क्या आपने भी नहीं किया अपडेट; यहां देखें डिटेल Law and Order: चुनाव की घोषणा के बाद प्रशासन ने उठाया सख्त कदम, अब बिना अनुमति नहीं कर सकते यह काम BIHAR ELECTION : बिहार चुनाव को लेकर सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू, 1800 कंपनियों के जिम्मे होगी सुरक्षा की कमान Bollywood Web Series Controversy: शाहरुख खान, गौरी खान, रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, जानिए.. क्या है आरोप? Bollywood Web Series Controversy: शाहरुख खान, गौरी खान, रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, जानिए.. क्या है आरोप? Skin Care Before Diwali: दिवाली सफाई के बीच कैसे बचाएं अपनी स्किन? जानिए आसान घरेलू उपाय Patna news: पटना एयरपोर्ट पर पकड़ी गई संदिग्ध महिला, बैग से मिली ऐसी चीज; देखकर दंग रह गए CISF के जवान Patna news: पटना एयरपोर्ट पर पकड़ी गई संदिग्ध महिला, बैग से मिली ऐसी चीज; देखकर दंग रह गए CISF के जवान PATNA METRO : पटना मेट्रो सेवा शुरू: पहले दिन 5 हजार यात्रियों ने लिया सफर, जानिए कितनी हुई आमदनी Karwa Chauth 2025: इन सामग्री के बिना अधूरी रह जाती है करवा चौथ की पूजा, जानें कब दिखेगा चांद?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Jul 2025 01:19:42 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में घोषणा की है कि जुलाई के अंत तक राज्य के सभी शेष 7.92 लाख विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी। यह बयान विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में आया था, जिसमें उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 1 से 8 तक के 26 लाख बच्चों को समुचित निगरानी के अभाव में अभी तक पाठ्यपुस्तकें नहीं मिली हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि बिहार पाठ्य पुस्तक निगम को सभी जिलों से पुस्तकों की अधियाचना प्राप्त हो चुकी है और जिला शिक्षा पदाधिकारियों की देखरेख में पहले ही अधिकांश वितरण पूरा हो चुका है। अब केवल 7.92 लाख विद्यार्थियों को पुस्तकें वितरित की जानी बाकी हैं। जिन्हें इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
अमरेंद्र प्रताप सिंह ने विधानसभा में सवाल उठाया था कि शिक्षा विभाग ने 2 मई तक कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। लेकिन निगरानी की कमी के कारण लाखों बच्चे अभी तक पुस्तकों से वंचित हैं। इस देरी ने छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में।
इसके बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने आश्वासन दिया है कि बिहार पाठ्य पुस्तक निगम और जिला शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से वितरण प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। उन्होंने कहा है कि सभी जिलों से प्राप्त अधियाचनाओं के आधार पर पुस्तकें छपाई और वितरण के लिए भेजी जा चुकी हैं। इस माह के अंत तक शेष सभी विद्यार्थियों तक पुस्तकें पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
बताते चलें कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार कई कदम उठा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती और अनुकंपा आधारित नियुक्तियों की घोषणा की थी। साथ ही शिक्षक ट्रांसफर-पोस्टिंग नीति को स्थगित करने का फैसला भी लिया गया ताकि शिक्षकों की शिकायतों का समाधान हो सके। हालांकि, पाठ्यपुस्तक वितरण में देरी जैसे मुद्दों ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठाए हैं।