BIHAR NEWS : बिहार में इस दिन होगी दीपावली की सरकारी छुट्टी, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला BIHAR ELECTION : सीट बंटवारे को लेकर NDA ने बुलाई बैठक, चिराग- मांझी और कुशवाहा के शामिल होने पर संशय; फिर कैसे बनेगी बात ? Reserve Bank of India: इस बैंक को RBI ने किया बंद, क्या आपका भी है अकाउंट तो जान लें पूरी खबर? Bihar Election 2025: प्रधान और तावड़े से नहीं माने चिराग, क्या शाह की कॉल से मानेंगे मोदी के हनुमान Bihar Sand Mining: तीन महीने की बंदी के बाद फिर खुलेगा बालू खनन का रास्ता, जानें कब से गूंजेगी मशीनों की आवाज! PAWAN SINGH : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ी पवन सिंह की सुरक्षा, मिली Y प्लस सुरक्षा, बीजेपी इस सीट से लड़ा सकती है चुनाव Bihar Election 2025: बिहार के अंदर इस मामले में भी तेजस्वी से आगे नीकली NDA, इस जगह भी महागठबंधन नहीं दे पा रहा टक्कर Special Vigilance Unit raid : SVU की बड़ी कार्रवाई विद्युत कार्यपालक अभियंता के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति की जांच Bihar Jobs 2025: बिहार में युवाओं के लिए बड़ा मौका, इन पोस्ट पर होगी बहाली; जानिए कैसे भरें फॉर्म और क्या है योग्यता Bihar Politics: 'बिहार चुनाव में पुरे होंगे सपने ...,' रामविलास की बरसी पर बोले चिराग पासवान ...जो जिम्मेदारी उनके कंधों पर सौंपी उसे निभाना हमारा लक्ष्य
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 17 Aug 2025 10:35:00 AM IST
पेपर लीक का मास्टरमाइंड गिरफ्तार - फ़ोटो GOOGLE
Paper Leak Mastermind: बिहार पुलिस में 21,000 से अधिक पदों के लिए वर्ष 2023 में आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। राजकिशोर कुमार, जो कि इस पेपर लीक गिरोह का अहम सदस्य था और दो वर्षों से फरार चल रहा था, उसे पटना के सिपारा स्थित जयप्रकाश नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया है। वह अपनी बहन के किराए के मकान में छिपकर रह रहा था। पुलिस ने उस पर1 लाख का इनाम घोषित किया था।
EOU अधिकारियों के अनुसार, राजकिशोर कुमार, संजीव मुखिया की तरह ही इस संगठित पेपर लीक गिरोह के मास्टरमाइंडों में से एक था। वह प्रश्नपत्र लीक कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलता था। जांच में सामने आया है कि उसने कम से कम 21 अभ्यर्थियों से प्रति व्यक्ति ₹10 लाख तक की राशि वसूली थी। इसके बैंक खाते में करीब ₹1.5 करोड़ की रकम जमा पाई गई है, जो पेपर लीक रैकेट से जुड़ी कमाई मानी जा रही है।
जांच में यह भी पता चला है कि राजकिशोर ने यह रकम नौबतपुर निवासी सोनू के जरिए संजीव मुखिया को भेजी थी। इससे गिरोह के नेटवर्क की गहराई और योजना की गंभीरता स्पष्ट होती है। राजकिशोर के पास से EOU ने CTET, बिजली विभाग और सिपाही भर्ती सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों में नाम, जिला, रोल नंबर, जन्मतिथि, परीक्षा तिथि और बुकलेट नंबर की जानकारी शामिल है, जो यह संकेत देता है कि गिरोह की पहुंच परीक्षा के भीतर तक थी।
यह पहला मामला नहीं है जिसमें राजकिशोर का नाम सामने आया हो। वर्ष 2023 में अरवल पुलिस ने उसे वॉकी-टॉकी और ब्लूटूथ डिवाइस के साथ गिरफ्तार किया था। उस पर अवैध तरीके से परीक्षा पास कराने का आरोप है और अरवल थाने में मामला दर्ज है। मूल रूप से वह अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र स्थित बख्तरी गांव का निवासी है।
इस वर्ष अप्रैल में इस गिरोह के मुख्य मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को दानापुर से गिरफ्तार किया गया था। वह इस समय जेल में बंद है। अब तक इस पेपर लीक प्रकरण में 32 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच अभी भी जारी है। इस पूरे मामले ने बिहार की भर्ती प्रणाली और परीक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना होगा कि EOU इस संगठित रैकेट के और कितने चेहरे उजागर कर पाती है और बिहार सरकार परीक्षा पारदर्शिता को लेकर क्या ठोस कदम उठाती है।