UPI transaction Failed: पैसे कटे लेकिन पेमेंट हो गया फेल, UPI रिफंड कैसे और कब मिलेगा; जानिए... पूरी प्रक्रिया Cheapest Petrol Price: इस जगह पानी से भी कम है 1 लीटर पेट्रोल का रेट, कीमत जानकर दंग रह जाएंगे Cheapest Petrol Price: इस जगह पानी से भी कम है 1 लीटर पेट्रोल का रेट, कीमत जानकर दंग रह जाएंगे Bihar Crime News: बिहार में डबल मर्डर से सनसनी, दो युवकों की गोली मारकर हत्या; बदमाशों ने दोनों के चेहरे पर दागी गोलियां Bihar Crime News: बिहार में डबल मर्डर से सनसनी, दो युवकों की गोली मारकर हत्या; बदमाशों ने दोनों के चेहरे पर दागी गोलियां Asia Cup 2025: एशिया कप में टीम इंडिया का स्क्वॉड कब होगा घोषित? ये खिलाड़ी कर सकते हैं वापसी Elvish House Firing: भाऊ गैंग ने ली एल्विश यादव के घर फायरिंग की जिम्मेदारी, सट्टा ऐप प्रमोशन को बताया कारण Elvish House Firing: भाऊ गैंग ने ली एल्विश यादव के घर फायरिंग की जिम्मेदारी, सट्टा ऐप प्रमोशन को बताया कारण Patna Crime News: पटना में अपराधियों का तांडव, घर में घुसकर युवक की गोली मारकर हत्या; इलाके में सनसनी Patna Crime News: पटना में अपराधियों का तांडव, घर में घुसकर युवक की गोली मारकर हत्या; इलाके में सनसनी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 17 Aug 2025 11:23:51 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास विभाग ने राज्य के सभी प्रमंडलीय शहरों में सैटेलाइट टाउनशिप के विकास की प्रक्रिया तेज़ कर दी है। इस परियोजना का उद्देश्य प्रमुख शहरों पर जनसंख्या का दबाव कम करना और व्यवस्थित शहरी विकास को बढ़ावा देना है। विभाग ने इसकी जिम्मेदारी संबंधित ज़िलों के जिलाधिकारियों (DM) को सौंपी है, जो इसके लिए गठित सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी होंगे।
यह समिति टाउनशिप की रूपरेखा तैयार करने, निगरानी करने, और क्रियान्वयन में मार्गदर्शन देने का कार्य करेगी। समिति शहरी नियोजन योजना की निगरानी के साथ-साथ टाउनशिप की सीमा निर्धारण, जनसुविधा विकास और भूमि पुनर्वितरण से संबंधित निर्णय भी लेगी। आवश्यकतानुसार समिति टाउनशिप की आंशिक या पूर्ण स्वीकृति रद्द करने की अनुशंसा भी कर सकती है।
विकासकर्ताओं के चयन की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग द्वारा नामित विकास प्राधिकार (Development Authority) को दी गई है। टाउनशिप के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण सत्यापन के बाद किया जाएगा। भूस्वामियों से भूमि लेने से पहले उनके स्वामित्व दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और उत्पाद एवं निबंधन विभाग से परामर्श लिया जाएगा। विभाग का निर्देश है कि छोटे भूस्वामियों को भी टाउनशिप में उचित भूखंड दिए जाएं ताकि वे निर्माण और उपयोगिता के लिए सक्षम हों। इस उद्देश्य से छोटे भूखंडों की संख्या कम करने का निर्णय भी लिया गया है ताकि विकास प्रक्रिया में असमानता न हो।
सलाहकार समिति में जिलाधिकारी के अलावा संबंधित नगरीय निकायों के मुख्य नगर कार्यपालक पदाधिकारी, नगर नियोजक, भू-अर्जन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी (सीओ) शामिल होंगे। साथ ही, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उत्पाद एवं निबंधन, पर्यावरण एवं वन, ग्रामीण विकास, उद्योग, पंचायती राज विभागों के प्रतिनिधि भी सदस्य होंगे। योजना प्राधिकरण द्वारा नियुक्त अधिकारी समिति के सचिव होंगे। इसके अलावा, एक शहरी नियोजन विशेषज्ञ को समिति में शामिल किया जाएगा। सरकार की यह पहल न केवल राज्य के शहरी ढांचे को सशक्त बनाएगी, बल्कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या के दबाव को भी कम करेगी। सैटेलाइट टाउनशिप के ज़रिए आने वाले वर्षों में स्मार्ट, सुव्यवस्थित और हरित शहरों के विकास को गति मिलेगी।