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BIhar Politics:पशुपति पारस के दही-चूड़ा भोज में पहुंचे RJD सुप्रीमों लालू यादव, बड़े बेटे भी साथ आए नजर

BIhar Politics : रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस द्वारा आयोजित चूड़ा-दही भोज में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव शामिल हुए। लालू यादव के इस भोज में शामिल होने से बिहार में सियासी पारा चढ़ सकता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Jan 2025 01:31:16 PM IST

BIhar Politics:

लालू आवास पारस के भोज में - फ़ोटो GOOGLE

BIhar Politics : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की ओर से बुधवार को आयोजित चूड़ा-दही भोज कार्यक्रम में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव शामिल होने पहुंचे हैं। इनके साथ इनके बड़े बेटे और राजद विधायक तेजप्रताप यादव भी नजर आ रहे हैं। इससे पहले पारस ने मंगलवार को रात नौ बजे राबड़ी आवास पर जाकर लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात की और भोज में आने हेतु आमंत्रित किया था। 


दरअसल, पशुपति पारस वर्तमान में अकेले पड़ गए हैं, ऐसे में अगर इस विधानसभा चुनाव में  लाालू यादव का सहारा मिलता है तो यह उनके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगी। वहीं, लालू का मिलना एनडीए को कहीं न कहीं थोड़ा नुकसान जरूर होगा, क्योंकि पशुपति पारस भी पुराने और मझे हुए नेता हैं और उनके समर्थकों की संख्या भी ठीक ठाक है। अब देखने वाली बात है कि लालू के आने से कौन सा समीकरण बनता है।


मालूम हो कि, महागठबंधन में आरजेडी के साथ महागठबंधन में कांग्रेस, लेफ्ट, वीआईपी जैसे दल तो हैं लेकिन कोई ऐसी पार्टी नहीं है जो दलित वोट पर पकड़ रखती हो या उनका प्रतिनिधित्व करती हो। अब तस्वीर कुछ ऐसी है कि एनडीए में पशुपति के लिए वैसी जगह दिख नहीं रही जैसी लोकसभा चुनाव के पहले हुआ करती थी। दूसरी तरफ, महागठबंधन को दलित नेतृत्व साथ जोड़ने की जरूरत है। ऐसे में आरजेडी और आरएलजेपी, दोनों ही दलों के साथ आने की संभावनाएं अधिक बताई जा रही हैं। इन सबके बीच पशुपति पारस की लालू यादव से बढ़ती नजदीकी भी गठबंधन के कयासों को और हवा दे रही है।


इधर, पारस ने इस आयोजन में न्योता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी दिया है। ऐसे में नीतीश कुमार उनके आवास पर आते हैं या नहीं इसकी वजह है कि सभी लोगों कि नजरें इस पर भी होंगी।चुनावी वर्ष और एनडीए की पॉलिटिक्स के केंद्र में पशुपति के भतीजे चिराग का आना, इन सब फैक्टर्स को देखते हुए कयासों का बाजार गर्म हो गया है।