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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 13 Apr 2025 07:46:00 AM IST
Bihar Land News - फ़ोटो file photo
Bihar Land News: बिहार में रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए सरकार ने सख्त आदेश जारी किया है। अब केवल 4 स्टेप्स में ही जमीन की रजिस्ट्री पूरी हो जाएगी। यह प्रक्रिया हर खरीदार के लिए जानना जरूरी है। इसके साथ ही अब अगर आपको फ्लैट, प्लॉट, दुकान समेत किसी भी तरह के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की खरीद-बिक्री करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। इस आदेश की जानकारी रेरा बिहार की वेबसाइट पर भी अपलोड की गई है। क्यूआर कोड की स्कैनिंग मोबाइल फोन से बहुत आसानी से की जा सकती है।
जानकारी के मुताबिक, क्यूआर कोड का अनुपालन होने से किसी संबंधित परियोजना की विस्तृत जानकारी आसानी से उपलब्ध रहने पर घर, प्लॉट या दुकान खरीदने वालों को किसी भी रियल एस्टेट परियोजना में निवेश करने से पहले उचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी। बिहार रेरा ने सभी निबंधित रियल एस्टेट परियोजनाओं को एक यूनिक क्यूआर कोड प्रदान किया है।
वहीं, वेबसाइट पर जारी आदेश के मुताबिक सभी बिल्डरों और प्रमोटरों को प्राधिकरण को अपनी परियोजना से संबंधित सभी प्रकार के विज्ञापनों में इस क्यूआर कोड को प्रदर्शित करना होगा।
मालूम हो कि, क्यूआर कोड में रेरा निबंधित उस परियोजना से जुड़ी सभी जानकारी होगी। इसके साथ ही परियोजना से जुड़े दस्तावेजों जैसे ब्रोशर, बुकिंग पत्र, वेबपेज आदि पर भी अनिवार्य रूप से क्यूआर कोड का उपयोग करना होगा। बिहार में रियल एस्टेट परियोजनाओं में क्यूआर कोड का अनिवार्य उपयोग एक सकारात्मक कदम है जो पारदर्शिता बढ़ाता है और खरीदारों के लिए जानकारी तक पहुँचने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
इधर, अब खरीदार और विक्रेता को संबंधित राज्य के भूमि रिकॉर्ड पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा। इस पोर्टल पर सभी आवश्यक जानकारी जैसे कि जमीन का खसरा नंबर, विक्रेता और खरीदार का विवरण, और अन्य दस्तावेज अपलोड करने होंगे।इससे प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो जाती है।समय की बचत होती है क्योंकि पहले मैनुअल प्रक्रिया में काफी समय लगता था।
ऑनलाइन आवेदन के बाद, सभी दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। इसमें जमीन के स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज़, खसरा-खतौनी रिकॉर्ड, और विक्रेता का पहचान पत्र शामिल होता है।यह सत्यापन डिजिटल माध्यम से किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी रोकी जा सके।यदि कोई त्रुटि पाई जाती है तो संबंधित पक्षों को सूचित किया जाएगा।
इसके बाद ई-स्टांपिंग के माध्यम से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना होगा। अंतिम चरण में दोनों पक्षों (खरीदार और विक्रेता) को रजिस्ट्री ऑफिस जाना होगा जहां उनका बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा। बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।इसके बाद खरीदार को डिजिटल रूप से साइन किया हुआ रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट प्रदान किया जाएगा।