Mithila Haat Bihar: मिथिला हाट की तर्ज पर अब बिहार के इन जिलों में भी हाट का निर्माण, सुविधाएं जान रह जाएंगे हैरान

Mithila Haat Bihar: पटना और रोहतास में मिथिला हाट की तर्ज पर अब हाट बनेगा। 76.96 करोड़ की लागत से हस्तशिल्प, रेस्तरां, गेम जोन और रोप-वे से बिहार पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 15 May 2025 07:40:17 AM IST

Mithila Haat Bihar

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Mithila Haat Bihar: बिहार सरकार ने मधुबनी के मिथिला हाट की सफलता को देखते हुए पटना और रोहतास में भी इसी तर्ज पर हाट बनाने की योजना शुरू की है। यह पहल स्थानीय हस्तशिल्प और लोक कलाकारों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए है। पटना हाट के लिए 48.96 करोड़ रुपये और रोहतास हाट के लिए 28 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे कुल बजट 76.96 करोड़ रुपये हो गया है। इसके अलावा, गया और कैमूर में इस साल रोप-वे का निर्माण शुरू होगा, जो बिहार के पर्यटन क्षेत्र को और भी मजबूत करेगा।


पटना में गांधी मैदान के पास बनने वाला यह हाट सिर्फ खरीदारी का ही केंद्र नहीं होगा, बल्कि एक मनोरंजन और सैर-सपाटे का स्थल भी होगा। यहां हस्तशिल्प और लोक कला के उत्पादों की बिक्री होगी, जिसमें मिथिला पेंटिंग जैसी पारंपरिक कलाकृतियां शामिल होंगी। इसके अलावा खाने-पीने के लिए दो रेस्तरां होंगे। बच्चों के लिए गेम जोन होगा, जिसमें मनोरंजक खेल होंगे। सुविधाओं में भूमिगत और सर्फेश पार्किंग, तीन मंजिल इंपोरियम, फायर फाइटिंग, फायर अलार्म, लिफ्ट, वाटर टैंक, सीसीटीवी सिस्टम, सोलर पावर जेनरेशन सिस्टम, चारदीवारी और स्ट्रीट लाइट शामिल होंगी।


जबकि दूसरी ओर रोहतास में इंद्रपुरी जलाशय के पास बनने वाले हाट के लिए 28 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह हाट भी स्थानीय हस्तशिल्प और संस्कृति को बढ़ावा देगा, हालांकि इसकी विशिष्ट सुविधाओं का विस्तृत विवरण अभी उपलब्ध नहीं हो सका है। रोहतास, जो पहले से ही एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है, इस हाट से और भी आकर्षक बन जाएगा।


इसमें कोई शक नहीं कि यह परियोजना बिहार के पर्यटन क्षेत्र को एक नई दिशा देगी। मिथिला हाट की तरह ये हाट स्थानीय कलाकारों को एक मंच प्रदान करेंगे और पर्यटकों को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ेंगे। साथ ही, गया और कैमूर में रोप-वे का निर्माण शुरू होने से पर्यटक आसानी से इन क्षेत्रों के पहाड़ी और धार्मिक स्थलों तक पहुंच सकेंगे। उदाहरण के लिए, कैमूर के मुंडेश्वरी पहाड़ पर 425 मीटर लंबा रोप-वे बनाया जाएगा, जिससे मुंडेश्वरी धाम तक पहुंचना आसान होगा।