1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 14 Aug 2025 09:37:42 AM IST
पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: राजधानी पटना के सिटी पश्चिमी क्षेत्र में तैनात दो दर्जन से अधिक थानों के करीब 150 एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) और दारोगा (उप निरीक्षक) रैंक के पुलिसकर्मियों पर काम में लापरवाही बरतने और केस निपटारा नहीं करने के चलते कड़ी कार्रवाई की गई है। एसपी सिटी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने इन अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है। इनमें से कई पुलिसकर्मियों को महीने में कम से कम 5 मामलों के निपटारे का टास्क दिया गया था, लेकिन कुछ ने एक भी केस का निष्पादन नहीं किया, जबकि कुछ ने सिर्फ एक या दो केस ही निपटाए।
एसपी सिटी ने चेतावनी दी है कि प्रदर्शन में सुधार होने पर ही वेतन बहाल किया जाएगा, अन्यथा आगे सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिन पुलिसकर्मियों ने एक भी केस का निपटारा नहीं किया है, उन करीब आधा दर्जन कर्मियों पर सीधी विभागीय कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पिछले दिनों की समीक्षा बैठक में यह सामने आया कि शाहपुर, फुलवारीशरीफ और दानापुर थानों के पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इनमें केस निष्पादन की गति बेहद धीमी पाई गई।
एसपी सिटी ने कहा कि इन थानों के पुलिस पदाधिकारियों को पहले भी चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ। इस समीक्षा में मनेर और बिहटा थानों के पुलिस पदाधिकारियों का प्रदर्शन सबसे अच्छा पाया गया। इन थानों में केस निष्पादन की दर में सुधार हुआ है। इस पर एसपी सिटी ने संबंधित पुलिस अफसरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।
SP भानु प्रताप सिंह ने बताया कि सिटी पश्चिमी क्षेत्र में पहले करीब 12,500 मामले लंबित थे। निर्देश मिलने के बाद पुलिस टीमों ने एक महीने में 1,500 से अधिक केसों का निष्पादन किया, जो एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पुलिसकर्मियों के कार्यों की नियमित समीक्षा जारी रहेगी। जिन पुलिसकर्मियों का प्रदर्शन लगातार खराब रहेगा, उनके खिलाफ सीसीए-3 (Central Civil Services Rules) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एसपी ने सख्त आदेश देते हुए कहा है कि “लापरवाही और फाइलों में लटकते मामलों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता को न्याय समय पर मिले, यही हमारी प्राथमिकता है। बेहतर काम करने वालों को सम्मान और लापरवाहों को दंड दोनों मिलेंगे। अब लापरवाही नहीं चलेगी। जनता की शिकायतों का निष्पादन प्राथमिकता पर है और इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित होंगी।