Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Koilwar bridge accident : कोइलवर सिक्सलेन पुल पर स्कूल बस और कंटेनर की टक्कर, ड्राइवर की हालत गंभीर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 18 Aug 2025 09:43:30 AM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: IAS अधिकारियों के काम करने का तरीका लाखों छात्रों और युवाओं को प्रेरित करता है। कई अधिकारी अपने अनोखे एक्शन और जनता के लिए काम करने की लगन से सुर्खियों में रहते हैं। ऐसी ही एक साहसी और कर्मठ महिला IAS अधिकारी हैं कृति राज, जिनके एक जबरदस्त एक्शन ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई।
दरअसल, फिरोजाबाद जिले में एसडीएम के पद पर तैनात कृति राज ने एक सरकारी अस्पताल में हो रहे भ्रष्टाचार की जानकारी मिलते ही घूंघट डालकर अचानक रेड मारी। जब सच्चाई सामने आई, तो अस्पताल प्रशासन के होश उड़ गए। उन्होंने मौके पर जाकर एक्सपायरी दवाइयों और लापरवाही को पकड़कर तुरंत कार्रवाई की। उनका यह अंदाज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों ने उन्हें “जांबाज अधिकारी” कहकर सराहा।
IAS कृति राज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी जिले से ताल्लुक रखती हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा झांसी के सेंट फ्रांसिस कॉन्वेंट स्कूल और फिर जय एकेडमी से हुई। पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल रहने वाली कृति का सपना था कि वे कुछ ऐसा करें जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
इसी उद्देश्य से उन्होंने बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (BIET) से कंप्यूटर साइंस में B.Tech किया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उनके मन में यह सवाल गूंजता रहा कि तकनीकी क्षेत्र से आगे जाकर देश और समाज के लिए क्या कर सकती हैं। यही सोच उन्हें UPSC की ओर ले गई।
B.Tech पूरी करने के बाद कृति ने UPSC की तैयारी शुरू की। खास बात यह है कि उन्होंने यह परीक्षा कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान दी, जब अधिकांश तैयारी करने वाले छात्रों को संसाधनों की भारी कमी का सामना करना पड़ा। तमाम मुश्किलों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में 106वीं रैंक हासिल की। उन्होंने UPSC में कुल 986 अंक प्राप्त किए और उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए हुआ। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला और इस तरह उनके सपनों ने उड़ान भरनी शुरू की।
फिरोजाबाद जिले में तैनाती के दौरान उन्हें एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं। उन्होंने बिना किसी को जानकारी दिए, सामान्य महिला की तरह दुपट्टा डालकर अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में मिली खामियों में सबसे बड़ी गड़बड़ी थी एक्सपायर्ड दवाओं का इस्तेमाल।
उनकी कार्रवाई के बाद अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जांच शुरू हुई और जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी की गई। IAS कृति राज का यह कदम न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक साहसी कार्य था, बल्कि यह इस बात का उदाहरण भी बना कि एक अधिकारी अगर ठान ले, तो व्यवस्था को कैसे बदल सकता है।
कृति राज आज उन चुनिंदा महिला अफसरों में से हैं, जो सिस्टम से सवाल करने का साहस रखती हैं। उन्होंने यह साबित किया कि बदलाव की शुरुआत खुद से करनी होती है। उनकी यह पहल न सिर्फ प्रशासनिक ईमानदारी का उदाहरण बनी, बल्कि युवाओं खासकर महिला उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा स्रोत भी।
वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश में अपने पद पर सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और स्वास्थ्य, शिक्षा तथा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है, जहां लोग उन्हें "लेडी सिंघम" कहकर पुकारते हैं।
IAS कृति राज की कहानी हमें यह सिखाती है कि यदि इरादे मजबूत हों और जज्बा ईमानदारी से भरा हो, तो कोई भी कठिनाई रास्ता नहीं रोक सकती। एक छोटे शहर से निकलकर देश की सबसे कठिन परीक्षा पास कर अधिकारी बनने और फिर उसी ईमानदारी के साथ काम करने की उनकी यात्रा, युवाओं के लिए एक मिसाल है।