Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Mokama Dularchand Murder Case: मोकामा में दुलारचंद हत्याकांड में पुलिस ने अबतक क्या की कार्रवाई? पटना SSP ने दिया जवाब Koilwar bridge accident : कोइलवर सिक्सलेन पुल पर स्कूल बस और कंटेनर की टक्कर, ड्राइवर की हालत गंभीर
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 11 Aug 2025 02:44:08 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE
Success Story: “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती”, यह कहावत महाराष्ट्र के लातूर जिले से ताल्लुक रखने वाले विशाल नरवाडे पर बिल्कुल सटीक बैठती है। देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में शुमार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा को पास करना लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन यह सपना साकार करना सिर्फ उन लोगों के बस की बात होती है जो निरंतर प्रयास, धैर्य और समर्पण के साथ तैयारी करते हैं।
विशाल नरवाडे ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार किया बल्कि पांच बार असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी और आखिरकार छठे प्रयास में IAS बनकर अपने लक्ष्य को हासिल किया। विशाल नरवाडे का जन्म और पालन-पोषण महाराष्ट्र के लातूर जिले में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लातूर से पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT जबलपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज में करियर बनाने का मन बना लिया और उसी दिशा में काम शुरू कर दिया।
UPSC की तैयारी में उन्होंने लगातार पांच बार प्रयास किए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जहाँ कई लोग एक या दो बार की असफलता के बाद हार मान लेते हैं, वहीं विशाल ने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर अडिग रहे। वर्ष 2016 में उन्हें पहली बड़ी सफलता मिली जब वे IPS (भारतीय पुलिस सेवा) में चयनित हुए। हालांकि, उनका सपना IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) में जाना था। इसलिए उन्होंने फिर से मेहनत जारी रखी।
आखिरकार वर्ष 2019 में, अपने छठे और अंतिम प्रयास में विशाल ने 91वीं रैंक हासिल कर ली और IAS अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया। उनकी यह सफलता न सिर्फ उनकी मेहनत की गवाही देती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि आत्मविश्वास और लगन के साथ किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। विशाल नरवाडे का मानना है कि UPSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान स्मार्ट स्टडी और रणनीति बेहद जरूरी होती है। उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को पूरे सिलेबस में से ज्यादा वेटेज वाले विषयों को प्राथमिकता देनी चाहिए। उनका कहना है कि यदि कोई परीक्षार्थी हर विषय को एक समान वक़्त देगा तो वह गहराई से किसी भी विषय को समझ नहीं पाएगा।
इसके अलावा, उन्होंने रिवीजन को सबसे अहम बताया और कहा कि अधिक से अधिक रिवीजन और पॉजिटिव माइंडसेट ही परीक्षा में सफलता की कुंजी है। आज विशाल नरवाडे हजारों UPSC उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। उनकी कहानी बताती है कि अगर हौसले बुलंद हों और दिशा सही हो, तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता।