Mokama Murder Case : 'हथियार जमा कराए...', मोकामा हत्याकांड के बाद एक्शन में चुनाव आयोग, कहा - लॉ एंड ऑडर पर सख्ती बरतें Bihar election update : दुलारचंद यादव हत्याकांड का बाढ़ और मोकामा चुनाव पर असर, अनंत सिंह पर एफआईआर; RO ने जारी किया नया फरमान Justice Suryakant: जस्टिस सूर्यकांत बने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश, इस दिन लेंगे शपथ Bihar News: अब बिहार से भी निकलेंगे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवा दिखाने वाले धावक, इस शहर में तैयार हुआ विशेष ट्रैक Dularchand Yadav case : मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में चौथा FIR दर्ज ! अनंत सिंह और जन सुराज के पीयूष नामजद; पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अब बदलेगा माहौल Bihar Election 2025: "NDA ही कर सकता है बिहार का विकास...", चुनाव से पहले CM नीतीश का दिखा नया अंदाज, सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर किया वोट अपील Bihar Election 2025: NDA ने तय किया विकसित बिहार का विजन, घोषणा पत्र पर पीएम मोदी ने की बड़ी बात Bihar News: बिहार के इस जिले में 213 अपराधी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार व नकदी जब्त Bihar News: बिहार से परदेश जा रहे लोगों की ट्रेनों में भारी भीड़, वोट के लिए नहीं रुकना चाहते मजदूर; क्या है वजह? Bihar News: भीषण सड़क हादसे में शिक्षिका की मौत, फरार चालक की तलाश में जुटी पुलिस
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 08 Sep 2025 03:11:43 PM IST
- फ़ोटो Google
Supreme Court News: बिहार में SIR के खिलाफ याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज़ के तौर पर स्वीकार किया जाए। यदि कोई शंका हो तो चुनाव आयोग जांच कराए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन नियमावली में इसे चुनावी प्रक्रिया के दस्तावेज़ों में शामिल किया गया है, इसलिए आयोग इसे 12वें दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करे।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अंडरटेकिंग दी है कि मतदाता सूची में किसी मतदाता को शामिल या बहिष्कृत करने के लिए व्यक्ति की पहचान स्थापित करने में आधार कार्ड को भी ध्यान में रखा जाएगा। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाता की पहचान के लिए आधार को दस्तावेज़ मानने पर विचार करने को कहा है। साथ ही यह दोहराया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने बताया कि 7.24 करोड़ में से 99.6 प्रतिशत लोगों ने पहले ही आवश्यक दस्तावेज़ जमा कर दिए हैं। पहले जारी आदेश में 65 लाख लोगों के लिए आधार को मान्यता दी गई थी, और अब किसी भी याचिकाकर्ता ने यह साबित नहीं किया है कि बड़ी संख्या में लोगों को गलत तरीके से बाहर रखा गया है।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोई भी अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची में शामिल करने की अनुमति नहीं देना चाहता। उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि आधार पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं। मान लीजिए कि यह बारहवां दस्तावेज़ है, तो इसमें क्या समस्या है?" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संशोधित मतदाता सूची प्रक्रिया में शामिल या बहिष्कृत लोगों की पहचान के लिए आधार अधिनियम 2016 के तहत जारी आधार कार्ड को स्वीकार किया जाएगा और इसे 12वें दस्तावेज़ के रूप में माना जाएगा। हालांकि अधिकारी प्रस्तुत किए गए आधार कार्ड की प्रामाणिकता की पुष्टि कर सकते हैं, लेकिन इसे नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं माना जाएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार के 99.6% नागरिकों ने पहले ही 11 सूचीबद्ध दस्तावेज़ों में से कोई न कोई दस्तावेज़ प्रस्तुत कर दिया है। पिछले आदेश में 65 लाख लोगों के लिए आधार की अनुमति दी गई थी, और अब तक किसी याचिकाकर्ता ने यह नहीं बताया है कि बड़ी संख्या में लोगों को गलत तरीके से बाहर रखा गया है।