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1st Bihar Published by: Updated Thu, 16 Dec 2021 12:08:58 PM IST
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PATNA : अपनी पहली राजनीतिक पारी की शुरुआत नीतीश कुमार के साथ करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज भी नीतीश के मुरीद हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और बिहार में महागठबंधन के लिए चुनावी रणनीति बनाई थी। बीजेपी के तमाम मंसूबों पर प्रशांत किशोर ने अपनी रणनीति से पानी फेर दिया था और बिहार में एनडीए को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था।
उसके बाद नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को अपना राजनीतिक सलाहकार बनाया और फिर बाद में उन्हें जनता दल यूनाइटेड का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष। हालांकि नीतीश कुमार के साथ पीके अपनी राजनीतिक पारी बहुत लंबी नहीं खेल पाए। बाद के दिनों में सीएए और एनआरसी के मसले पर उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाकर अपनी राय रखी और फिर प्रशांत किशोर नीतीश से अलग हो गए।
अब पीके ममता बनर्जी के बेहद करीब हैं. पश्चिम बंगाल में उन्होंने ममता दीदी की जीत के लिए रणनीति बनाई और एक बार फिर सफलता हासिल की। इस सब के बावजूद प्रशांत किशोर नीतीश कुमार को लेकर अपनी आत्मीयता जताना नहीं भूलते हैं।
नीतीश प्रेम उमड़ा
हर बात को सियासी नफा नुकसान के नजरिए से देखने वाले प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। दरअसल एक न्यूज़ चैनल से खास बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर से जब यह पूछा गया कि वह किसके साथ फिर से काम करना चाहते हैं तो उन्होंने तुरंत नीतीश कुमार का नाम ले लिया। प्रशांत किशोर इंटरव्यू के दौरान रैपिड फायर राउंड का सामना कर रहे थे। उनसे अभी सवाल किया गया कि देश का सबसे बेहतर नेता कौन है, प्रशांत किशोर ने इसका कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन इस बात की इच्छा जरूर जता दी कि वह नीतीश कुमार के साथ फिर से काम करना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री बन सकते हैं इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिल्कुल प्रधानमंत्री बन सकते हैं। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के साथ काम करने की जो इच्छा फिर से जताई है उसके बाद अब एक बार फिर सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं उठने लगी है। सवाल भी उठने लगा है कि क्या प्रशांत किशोर अपनी राजनीतिक समझ से नीतीश की भविष्य की राजनीति को नए नजरिए से देख रहे हैं।
नीतीश की फ्यूचर पॉलिटिक्स पर नज़र
निजी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर ने बड़ी बेबाकी के साथ तमाम सवालों का जवाब दिया है। विपक्षी एकजुटता को लेकर भी अपनी राय रखी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर नीतीश कुमार को लेकर पीके का नजरिया क्यों बदल रहा है। एक दौर था जब एनआरसी के मसले पर नीतीश से अलग राय रखने वाले प्रशांत किशोर ने जब रास्ता अलग किया तो उन्होंने बात बिहार की अभियान लॉन्च करते हुए नीतीश के शासन पर जोरदार पंच कथा था।
प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश कुमार ने उतना कुछ बिहार के लिए नहीं किया जितनी वह ब्रांडिंग कर रहे हैं। नीतीश कुमार बहुत कुछ बिहार के लिए कर सकते थे लेकिन उन्होंने उस तरफ ध्यान नहीं दिया। प्रशांत किशोर अगर एक बार फिर नीतीश के साथ काम करने की इच्छा जता रहे हैं तो क्या वाकई वह भविष्य में राजनीतिक समीकरण के अंदर बदलाव को भांप चुके हैं। प्रशांत किशोर को ऐसा लगता है कि नीतीश आने वाले दौर में एनडीए से मोहभंग कर सकते हैं।
अगर ऐसा हुआ तो प्रशांत किशोर एक बार फिर नीतीश के करीब आ सकते हैं। नीतीश अगर बीजेपी का साथ छोड़ेंगे तो ऐसी स्थिति में प्रशांत किशोर उन्हें विपक्षी एकजुटता वाले खेमे के अंदर ले जाने में भी बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। इन तमाम संभावनाओं के बीच पीके का यह बयान बेहद खास माना जा रहा है। जाहिर है पीके की नई फिरकी नीति उनके खेमे को भी बेचैन करेगी। देखना होगा कि प्रशांत किशोर के हालिया बयान को लेकर जेडीयू कैसे अपनी प्रतिक्रिया देता है।