Bihar Election 2025: चुनावी सभा में पवन सिंह के नहीं पहुंचने पर बवाल, नाराज समर्थकों ने तोड़ी कुर्सियां; विपक्ष पर साजिश का आरोप Bihar Election 2025: चुनावी सभा में पवन सिंह के नहीं पहुंचने पर बवाल, नाराज समर्थकों ने तोड़ी कुर्सियां; विपक्ष पर साजिश का आरोप विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला का उद्घाटन कल, देश-विदेश से सैलानियों का आना शुरू 'विश्व रेडियोलॉजी दिवस' पर हेल्थ इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, विद्यार्थियों ने बनाई मनमोहक झांकियां 'विश्व रेडियोलॉजी दिवस' पर हेल्थ इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, विद्यार्थियों ने बनाई मनमोहक झांकियां Bihar Election 2025: ‘वो खुद पागल हो चुका है, दूसरों को क्या पागल बनाएंगे’, खेसारी लाल यादव पर पवन सिंह का पलटवार Bihar Election 2025: ‘वो खुद पागल हो चुका है, दूसरों को क्या पागल बनाएंगे’, खेसारी लाल यादव पर पवन सिंह का पलटवार क्या BJP में जायेंगे तेजप्रताप? रविकिशन से दूसरी बार मुलाकात, एक दूसरे ने की कान में बात, कहा..महादेव जी सब तय करले बा Bihar Election 2025: ‘दुनिया की कोई ताकत बिहार में NDA की सरकार बनने से नहीं रोक सकती’, रोहतास में राजनाथ सिंह की हुंकार Bihar Election 2025: स्ट्रांग रूम का वीडियो शेयर कर आरजेडी ने गड़बड़ी के लगाए आरोप, DM ने दिए जांच के आदेश
1st Bihar Published by: Updated Tue, 05 Jan 2021 09:22:59 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : नीतीश कुमार की सरकार ने बाल हृदय योजना के तहत वैसे बच्चों का मुफ्त इलाज करने का फैसला लिया है, जिनके दिल में छेद है. मंगलवार यानि आज ही सरकार ने ये फैसला लिया है. सरकार का ये फैसला लाखों परिवारों के लिए वरदान बन सकती है, जिनके घर के बच्चे इस बीमारी से जूझ रहे हैं. लेकिन सवाल ये है कि सरकार इलाज कैसे करायेगी. बच्चों के दिल में छेद का ऑपरेशन करने वाला बिहार में कोई डॉक्टर ही नहीं है. ना सरकारी अस्पताल में और ना ही प्राइवेट अस्पताल में. सवाल ये है कि इलाज कैसे होगा.
कैसे चलेगी बाल हृदय योजना
दरअसल बिहार चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में ये वादा किया था कि अगर उसकी सरकार बनी तो वह बच्चों के दिल के छेद की बीमारी के मुफ्त इलाज का इंतजाम करेगी. चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक सरकार बनने के बाद बाल हृदय योजना को मंजूरी दे दी गयी है. इस योजना के तहत जिन बच्चों के दिल में छेद होगा, सरकार उनके इलाज का पूरा खर्च उठायेगी. यानि मुफ्त इलाज करायेगी.
बिहार में कोई पेडियाट्रिक सर्जन नहीं
अब सवाल ये उठ रहा है कि सरकार इस फैसले को अमल में कैसे लायेगी. बिहार में बच्चों के दिल में छेद को ठीक करने का कोई बंदोबस्त है ही नहीं. सूबे के किसी सरकारी या निजी अस्पताल में बच्चों के दिल की सर्जरी करने वाले डॉक्टर यानवि पेडियाट्रिक सर्जन है ही नहीं. बिहार सरकार ने हर्ट के इलाज के लिए खास अस्पताल इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान बना रखा है. इसमें कोई पेडियाट्रिक हर्ट सर्जन नहीं है. राज्य सरकार के एक और बड़े संस्थान IGIMS में भी ऐसा कोई सर्जन नहीं है. पटना एम्स में भी इसके विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं.
हालांकि तीन महीने पहले इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में दिल में छेद की बीमारी से जूझ रहे पांच बच्चों की सर्जरी की व्यवस्था की गयी थी. संस्थान ने बेंगलुरू से पेडियाट्रिक हर्ट सर्जनों को बुलाकर बच्चों का ऑपरेशन कराया था. जनवरी महीने में भी कुछ और बच्चों के ऑपरेशन की व्यवस्था की जा रही है. फिर से बच्चों के ऑपरेशन के लिए बाहर से डॉक्टरों को बुलाया जा रहा है. लेकिन बिहार में दिल के छेद की बीमारी से जूझ रहे बच्चों की तादाद काफी ज्यादा है. उनके इलाज के लिए बाहर से बार-बार सर्जन बुलाना संभव नहीं है. ऐसे में बिहार के अस्पताल में सर्जनों को बहाल कर ही ज्यादा बच्चों को फायदा पहुंचाया जा सकता है.
हजार में 8-10 बच्चों को होती है ये बीमारी
डॉक्टर बताते हैं कि जन्म लेने वाले एक हजार बच्चों में 8 से 10 बच्चों में दिल से जुड़ी बीमारी सामने आ रही है. किसी के दिल में छेद होता है तो किसी आर्टरी में समस्या होती है. ऐसे 10 मामलों में दो-तीन मामले बेहद कठिन होते हैं. दिल के छिद्र वाली बीमारी के कुछ मामलों का इलाज बगैर सर्जरी के भी संभव होता है. लेकिन कई मामलों में ऑपरेशन की जरूरत पडती है. इसके लिए बेहद जरूरी है कि बच्चों का समय पर इलाज कराया जाये. डॉक्टरों के मुताबिक शादी में देर होने या देर से बच्चा पैदा होने के कारण ऐसी बीमारियां ज्यादा होती हैं.
निजी अस्पतालों में मंहगा है इलाज
बिहार में नहीं लेकिन देश के दूसरे बड़े शहरों में इस बीमारी का इलाज होता है लेकिन वह बेहद मंहगा है. प्राइवेट अस्पताल में कम से कम तीन लाख रूपये का खर्च आता है. हालांकि दिल्ली के एम्स में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा योजना के तहत ऐसे बच्चों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है लेकिन वहां इतनी लंबी कतार है कि ऑपरेशन का समय कई साल बाद का मिलता है.