ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Government Scheme: सावधान ! महिला रोजगार योजना के नाम पर हो रहा बड़ा खेल, आपको भी आ रहा ऐसा लिंक तो ठहर जाए Bihar Train News: बिहार के स्टेशनों को मिली बड़ी राहत, रेलवे ने कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव को दी मंजूरी टी सी एच एदुसर्व 16 सितम्बर से नया बैच शुरू, 100% फीस माफी की सुविधा Bihar News: फ्री फायर गेम खेल रहा किशोर को अपराधियों ने मारी गोली, पुलिस कर रही छापेमारी Bihar News: डीईओ साहब....संग्रामपुर ही नहीं तुरकौलिया ब्लॉक के 20 स्कूलों में भी बिना काम के 1 करोड़ की हुई निकासी ! प्रधानाध्यापक ही भ्रष्ट सिस्टम की खोल रहे पोल, जांच करायेंगे ? IAS Transfer: बिहार में कई IAS अधिकारियों का तबादला, हटाए गए उत्पाद आयुक्त; देखें पूरी लिस्ट Nepal political crisis: नेपाल में हिंसा के बाद बिहार सीमा पर हाई अलर्ट, SSB और पुलिस की चौकसी बढ़ी Bihar News : “बिहार चुनाव 2025: नित्यानंद राय का राहुल गांधी और तेजस्वी पर जोरदार हमला, कहा - चोर को हमेशा चोर ही आता है पंसद Nepal Jail Break: नेपाल में तख्तापलट के बीच कैदियों का नया खेल, जेल तोड़कर भारत में घुसने की कर रहे थे साजिश; हुआ बड़ा एक्शन Bhojpur police bribery : आरा में पुलिस की ट्रक चालकों से अवैध वसूली का वीडियो वायरल, अब SP ने लिया एक्शन

ब्राह्मणों पर मांझी के बयान को लेकर JDU ने बोला हमला, अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें: उपेंद्र कुशवाहा

1st Bihar Published by: Updated Sun, 19 Dec 2021 09:26:34 PM IST

ब्राह्मणों पर मांझी के बयान को लेकर JDU ने बोला हमला, अपनी भाषा पर नियंत्रण रखें: उपेंद्र कुशवाहा

- फ़ोटो

PATNA: बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी द्वारा ब्राह्माणों पर दिए गये बयान को लेकर सियासत तेज हो गयी है। उनके इस  बयान को लेकर रविवार को बिहार में खूब सियासी बयानबाजी हुई। सरकार से लेकर विपक्ष तक के नेताओं ने मांझी को नसीहत से लेकर चेतावनी तक दे दी। शाम होते होते जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी नसीहत दे दी।


पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जीतनराम मांझी को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखने की बात कही। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने किया है वह नहीं होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति किस तरह की विचारधारा के साथ है इसे लेकर स्वतंत्रता है। इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी जाति के खिलाफ बयान दें।


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमलोगों ने आज तक कभी ब्राह्मïण समाज के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। हां ब्राह्मïणवादी व्यवस्था के खिलाफ जरूर बोलते रहे हैं। वही जीतन राम मांझी के इस बयान को लेकर बीजेपी ने भी नसीहत दे दी। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने मांझी को नसीहत देते हुए कहा कि किसी भी समूदाय विशेष का हितैसी होने का मतलब ये नहीं है कि दूसरे की भावना को आहत किया जाए। मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए आगे लिखा की बिहार के दलित नेता रामविलास पासवान अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी तक के कैबिनेट में मंत्री रहे लेकिन कभी ऊंची जातियों के विरूद्ध उन्होने कभी कोई अपशब्द नहीं कहा। 


सुशील मोदी ने कहा कि ब्राह्मण समाज के लिए कथित बयान अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। संवैधानिक पदों पर रह चुके लोगों को शब्दों की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं बोलना चाहिए जिससे समाज में सद्भाव बिगड़े। शनिवार को जीतन राम मांझी ने भूईया समाज के लोगों को संबोधित करते हुए ब्राह्मण के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया उसके बाद रविवार को जब उनके बयान पर बवाल होने लगा तो उन्होने अपने बयान पर पहले की ही तरह पलटी मारते हुए कहा कि उन्होने ब्राह्मण के लिए नहीं अपने समाज के लिए उस अपशब्द का इस्तेमाल किया था। शराबबंदी से लेकर धर्म-जाति पर अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले मांझी की हर मुद्दे पर फजीहत हो रही है। दो दिन पहले भी उन्होंने कहा था कि मेरे बयान से मेरी भद्द पीट जाती है। 


मांझी ने क्या कहा था?

शनिवार को जीतन राम मांझी ने भूईया समाज के लोगों को संबोधित करते हुए ब्राह्मण के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया। जीतनराम मांझी ने यह कहा था कि पहले अनुसूचित जाति के लोग पूजा-पाठ में विश्वास नहीं करते थे। वे अपने देवता की ही पूजा करते थे। तुलसी जी हो या मां शबरी हों, मगर अब हर जगह हमलोग के टोला में भी सत्यनारायण भगवान की पूजा की जा रही है। इस पर भी शर्म नहीं लगती है कि पंडित .... आते हैं और कहते हैं हम नहीं खाएंगे बाबू, नगद ही दे दीजिए। 


इतना कहने के बाद भी मांझी नहीं रुके। उन्होंने कहा कि बाबा आंबेडकर मरने से पहले हिंदू धर्म में नहीं रहे, उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। हिंदू धर्म इतना खराब धर्म है। राम भगवान नहीं थे। रामायण में कुछ अच्छी बातें हैं, उसको पढ़ना चाहिए। मांझी ने कहा कि मैं राम को भगवान नहीं मानता। हम बोलते हैं, तो लोग पागल बोलते हैं। 


मांझी ने अपने बयान पर भी सफाई दे दी। उन्होंने कहा, मैं पूजा-पाठ कभी नहीं करता। हम जय भीम का नारा लगाते हैं तो आंबेडकर के सिद्धांत को मानना चाहिए। आज आस्था के नाम पर करोड़ों-करोड़ रुपये लुटाया जा रहा है लेकिन गरीब की जो भलाई होनी चाहिए, उतनी भलाई नहीं हो रही है। जीतन राम मांझी के इसी बयान को लेकर आज दिनभर सियासत गर्म रही। पक्ष हो या विपक्ष आज सभी मांझी के इस बयान पर हमलावर दिखे।