1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 03 Sep 2024 09:15:21 AM IST
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PATNA: बिहार में भूमि विवाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए डबल इंजन सरकार ने राज्य में जमीनों का सर्वे कराने का फैसला लिया था। बीते 20 अगस्त से राज्य में जमीन का सर्वे शुरू हो गया है हालांकि 7 हजार गांवों में अब भी सर्वे शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में सरकार ने इन गांवों में एक सप्ताह के भीतर सर्वे का काम शुरू करने का आदेश दे दिया है और सभी गांवों में ग्राम सभा आयोजित करने को कहा है।
दरअसल, बिहार के करीब 45 हजार गांवों में से तकरीबन 38 हजार गांव में जमीनों के सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बाकी बचे हुए करीब सात हजार गांवों में अगले सप्ताह ग्राम सभा आयोजित कर सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जहां सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गई है वहां खतियान लेखन का काम भी शुरू कर दिया गया है। खतियान लेखन के बाद उसे मानचित्र के साथ किश्तवार प्रकाशन किया जाएगा।
शहरी या अधिसूचित क्षेत्र, टोपो लैंड या किसी तरह का विवाद होने की वजह से दो हजार 611 मौजा या गांवों को सर्वे से बाहर रखा गया है। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अलग से नीति तैयार कर ऐसे जमीनों के सर्वे का काम शुरू कराएगा। जमीन से जुड़ी सभी तरह की जानकारी ऑनलाइन या ऑफलाइन फॉर्म भरकर कैंप कार्यालयों में जमा करा सकते हैं।
प्रपत्र-2 में जमीन से जुड़ी जानकारी देनी है। फॉर्म में रैयतों एवं हिस्सेदारी के नाम एवं अंश, पिता का नाम, पता, खाता, केसरा, रकवा, जमीन की किस्म, सेस को छोड़कर लगान की राशि, जमाबंदी संख्या, भूमि का दावा का आधार बताना होगा। बंदोबस्ती या अन्य तरह की जमीन है तो इसकी जानकारी भी उपलब्ध करानी होगी। जमीन सर्वे की जिम्मेवारी सभी बंदोबस्त पदाधिकारी को दी गई है और जमीनों का सही तरह से सर्वे कर इसक रिपोर्ट विभाग को देने का निर्देश दिया गया है।