Bihar Crime News: पारिवारिक विवाद में महिला ने उठाया खौफनाक कदम, दो बच्चों के साथ मां की गई जान Govinda Health: बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र के बाद अब एक्टर गोविंदा की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में हुए भर्ती Govinda Health: बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र के बाद अब एक्टर गोविंदा की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में हुए भर्ती Bihar Election 2025 : महिलाओं ने रचा इतिहास, 71% मतदान कर ‘नारी शक्ति’ बनीं गेमचेंजर; जानिए किसे होगा फायदा Bihar Elections 2025: एक्जिट पोल में जानिए क्या है अनंत सिंह का हाल, हाई कॉन्फिडेंस के साथ करवा रहे हैं महाभोज की तैयारी Bihar Election 2025 : एएन कॉलेज बना काउंटिंग सेंटर, डीएम-एसएसपी ने तैयारियों की समीक्षा की; जानिये कैसी रहेगी व्यवस्था Success Story: टैक्स ऑफिसर की नौकरी के बीच UPSC क्रैक, आस्था सिंह 21 साल की उम्र में बनीं IAS अधिकारी Bihar Politics : राजद-भाजपा-जदयू में कौन बनेगा नंबर वन? इन एग्जिट पोल ने दिए चौंकाने वाले नतीजे; नीतीश और तेजस्वी कौन मारेगा बाजी Pawan Singh: पावरस्टार पवन सिंह को मिली बड़ी राहत, इस मामले में अग्रिम जमानत याचिका मंजूर BIHAR NEWS : नेशनल हाईवे पर XUV और पिकअप की आमने-सामने टक्कर, सुल्तानगंज युवक की मौत, दो दोस्त गंभीर
1st Bihar Published by: Updated Sun, 09 Jan 2022 11:22:16 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में अदालतों पर बोझ बढ़ रहा है. इसको लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना भी चिंता जता चुके हैं. हालांकि ये मामले शराब से जुड़े अधिक हैं. वहीं अब लंबित मामलों को लेकर सीबीआई की चिंता भी बढ़ी है. बिहार की पांच अदालतों में सीबीआई जांच से जुड़े 320 मुकदमे विचाराधीन है.
इन मुकदमों में तेजी लाने के लिए सीबीआई ने पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हुए आरोपितों के खिलाफ निचली अदालतों के द्वारा अरेस्ट वारंट जारी करने का अनुरोध किया है.
सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ने रजिस्ट्रार को बिहार में विचाराधीन 320 केस की लिस्ट थमाई है. इनमें सबसे ज्यादा 276 केस पटना की विभिन्न अदालतों में विचाराधीन है. दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर कोर्ट है. मुजफ्फरपुर में 41 केस विचाराधीन है. जबकि भागलपुर, मोतिहारी और कैमूर कोर्ट में भी एक-एक मुकदमा चल रहा है.
सीबीआई ने कहा है कि इनमें कुछ मुकदमों में ट्रायल चल रहा है, लेकिन गवाह समय पर नहीं आ रहे हैं. जबकि कई मामलों में चार्ज फ्रेम नहीं हो रहा है. कई मुकदमों में संबंधित विभाग द्वारा अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिल रही है. कुछ मामले में आरोपी की जानकारी संबंधित जिलों से नहीं मिल पा रही है.
इसके लिए सीबीआई ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच द्वारा पारित आदेश का हवाला दिया है. मदुरै बेंच ने डब्ल्यूपी (एमडी) 17716/2020 (रामनाथपुरम डीवाई संगम बनाम स्टेट ऑफ तमिलनाडु) में सीबीआई को आदेश दिया था कि देश भर में निचली अदालतों में विचाराधीन मुकदमे में तेजी के लिए संबधित राज्यों के हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को देकर वारंट, गवाही, गिरफ्तारी आदि के लिए सहयोग मांगे.