KATIHAR: मनिहारी में बाढ़ और कटाव से तबाही, सांसद तारिक अनवर पहुंचे धुरयाही पंचायत, मदद का दिया आश्वासन अयोध्या दर्शन को रवाना हुआ 13वां जत्था, अजय सिंह की पहल से अब तक 2500 श्रद्धालु पहुंचे पावन नगरी पूर्णिया में भाजपा जिलामंत्री नूतन गुप्ता का युवा संवाद, युवाओं से मोदी की जनसभा में शामिल होने की अपील Bihar Politics: ‘RJD को मुसलमानों की चिंता नहीं, सिर्फ BJP का डर दिखाकर उनका वोट लिया’ प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Politics: ‘RJD को मुसलमानों की चिंता नहीं, सिर्फ BJP का डर दिखाकर उनका वोट लिया’ प्रशांत किशोर का बड़ा हमला Bihar Crime News: बिहार में रंगदारी नहीं देने पर बदमाशों का तांडव, वार्ड सदस्य के घर बोला हमला; ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप Bihar Crime News: बिहार में नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता, 9 साल से फरार दो हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार जमुई में चौथी बार मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, दो गिरफ्तार, हथियार-कारतूस बरामद Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में रेड लाइट एरिया में पुलिस टीम पर हमला, महिला दारोगा के साथ मारपीट; चार जवान घायल Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में रेड लाइट एरिया में पुलिस टीम पर हमला, महिला दारोगा के साथ मारपीट; चार जवान घायल
1st Bihar Published by: Updated Wed, 16 Mar 2022 01:08:09 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में अब मुखियों पर आफत आने वाली है. मुखिया-प्रमुख समेत सभी पदाधिकारियों की संपत्ति सार्वजनिक होगी. त्रि-स्तरीय ग्राम पंचयात के सभी पदधारकों को 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देंगे. इसको लेकर विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है.
पंचायती राज विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया है. आपको बता दें पंचायतों के पदधारकों में मुखिया, उपमुखिया, प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आते हैं. विभाग का मानना है कि पंचायतों को विकास कार्य के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि उपलब्ध करायी जाती है. फिर भी बहुत जगहों से ऐसी शिकायतें आती रहती हैं कि धनराशि का प्रयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए भी किया जाता है. इसलिए यह जरुरी है कि सरकारी सेवकों की तरह पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े प्रतिनिधि भी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करें.
जानकारी के अनुसार, इन सभी की संपत्ति का डेटा जिले की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी. इसके लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. 31 मार्च तक संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले से नोडल पदाधिकारी स्पष्टीकरण पूछेंगे. इसके बाद भी ब्योरा नहीं देने पर संबंधित प्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई के लिए विभाग को प्रस्ताव जिले के माध्यम से भेजा जाएगा.