ब्रेकिंग न्यूज़

बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी

बच्चों की मौत का सिलसिला जारी, 1 महीने में इस अस्पताल में 91 बच्चों ने तोड़ा दम

1st Bihar Published by: Updated Tue, 31 Dec 2019 07:49:08 AM IST

बच्चों की मौत का सिलसिला जारी, 1 महीने में इस अस्पताल में 91 बच्चों ने तोड़ा दम

- फ़ोटो

KOTA: राजस्थान के कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. अस्पताल में सुविधाओं की कमी के कारण आए दिन बच्चों की मौत हो रही है, और अस्पताल प्रशासन लापरवाह बना देख रहा है. दिसंबर महीने में जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा 91 तक पहुंच गया है.


जेके लोन अस्पताल राजस्थान के कोटा का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु सरकारी अस्पताल है, बावजूद इसके अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है, लिहाजा बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रही है. इस अस्पताल में कोटा और आसपास के कई जिलों से मरीज अपना इलाज कराने आते हैं, लेकिन अस्पताल में चिकित्सा सेवा, डॉक्टर-नर्स समेत कई जरूरी सुविधाओं की भारी कमी है.


अस्पताल में भर्ती कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि इस हॉस्पिटल में स्टाफ की भारी कमी है. परिजनों के मुताबिक चिकित्सा उपकरणों के अभाव और डॉक्टरों की अनदेखी करने के कारण बच्चों की मौत हो रही है और अस्पताल प्रशासन लापरवाह बना हुआ है.